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पुनर्नवादि क्वाथ Punarnavadi Kashayam Detail and Uses in Hindi

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पुनर्नवादि क्वाथ Punarnavadi Kashayam (Kwatham) in Hindi, एक हर्बल आयुर्वेदिक दवाई है जिसे लीवर के रोगों, समस्त पेट रोगों, छोटी आंत के रोगों और त्वचा रोगों में इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा लीवर के रोगों, पांडु, कामला, शरीर में पानी भर जाना, पूरे शरीर में सूजन, जोड़ों में दर्द-सूजन आदि में लाभप्रद है। यह बुखार, जलोदर, श्वास लेने में कठिनाई, एनीमिया आदि में भी बहुत प्रभावी है।

पुनर्नवादि क्वाथ, सामान्यीकृत और स्थानीय शोफ कम कर देता है। यह श्वसन स्थितियों, सर्दी, खाँसी, जलोदर, पेट में दर्द, गठिया के उपचार में भी इस्तेमाल की जाने वाली दवा है।

यह दवा काढ़े के पाउडर, प्रवाहि काढ़े और टेबलेट के रूप में उपलब्ध है। यह दवा तासीर में न तो ठंडी है न गर्म। इसके सेवन से शरीर में विजातीय पदार्थ दूर होते हैं और मूत्रल गुण के कारण सूजन दूर होती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Punarnavadi Kashayam is Herbal medicine. It is indicated in treatment of inflammatory conditions like myxedema, ascites, respiratory conditions, cold, cough, anemia and abdominal pain. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: पुनर्नवादि कषाय Punarnavadi Kashayam, Punarnavadi Kashaya, Punarnavadi Kwatham, Punarnavadi Kwath, Panduhar Kashayam, Punarnavadi Kadha
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: यकृत विकार, हेपेटाइटिस, गठिया
  • मुख्य गुण: सूजन और दर्द में राहर देना, लीवर की रक्षा करना
  • दोष इफ़ेक्ट: कफ कम करना, वात संतुलित करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें

पुनर्नवादि कषाय के घटक Ingredients of Punarnavadi Kashayam

  • पुनर्नवा Punarnava (Rakta Punarnava) (Pl.) 1 Part
  • देवदारु Daru (Devadaru) (Ht.Wd.) 1 Part
  • हल्दी Nisha (Haridra) (Rz.) 1 Part
  • कटुका Tikta (Katuka) (Rz.) 1 Part
  • पटोल Patola (Pl.) 1 Part
  • हरीतकी Pathya (Haritaki) (P.) 1 Part
  • नीम Pichumarda (Nimba) (St.Bk.) 1 Part
  • मोथा Musta (Rz.) 1 Part
  • सोंठ Nagara (Shunthi) (Rz.) 1 Part
  • गुडूची Chinnaruha (Guduchi) (St.) 1 Part

पुनर्नवादि कषाय के लाभ/फ़ायदे Benefits of Punarnavadi Kashayam

  • यह एलर्जी विरोधी है।
  • यह दर्द निवारक है।
  • यह गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने वाली दवा है।
  • यह कास-श्वास में लाभप्रद है।
  • यह ज्वरनाशक है।
  • यह मूत्रल है।
  • यह हीमेटिनिक और इसके सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
  • यह दवा हेमेटोजेनिक है और लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में मदद करती है।
  • इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण हैं।
  • इसमें एंटी-एडिमा गुण है।
  • यह यकृत विकारों और हृदय रोगों के कारण एडिमा में लाभप्रद है।
  • यह यकृत कार्यों में सुधार करती है।
  • यह दवा कफ दोष को कम करती है।
  • यह भूख को बढ़ाती है।
  • यह दवा वात को संतुलित करती है।

पुनर्नवादि कषाय के चिकित्सीय उपयोग Uses of Punarnavadi Kashayam

  • उदर रोग (एसाइटिस) Udararoga (Ascites)
  • बढ़ा यूरिक एसिड स्तर Elevated uric acid levels
  • खाँसी, ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्कियल शिकायत Cough, Bronchitis, Bronchial complaints
  • गठिया Gouty Arthritis
  • गुर्दा रोग Renal diseases
  • जलोदर, एडेमा (अतिरिक्त पानी के संचय के कारण नरम ऊतकों की सूजन) Dropsy, Oedema (swelling of soft tissues due to the accumulation of excess water)
  • जिगर की बीमारियों में (यकृत के रोग) Liver diseases (Diseases of liver)
  • घुटने के जोड़ों में दर्द और सूजन, टखने में सूजन Pain and swelling in both knee joints, ankle
  • द्रव प्रतिधारण, सूजन Fluid retention, swelling
  • पांडु (एनीमिया) Pandu (Anemia)
  • गर्दन-पीठ के क्षेत्र में दर्द Pain in the back region from neck to low back
  • पीलिया (आंखों की त्वचा या सफेद की पीली, वर्णक बिलीरूबिन से अधिक होने से उत्पन्न होती है और आमतौर पर पित्त नली के रुकावट, यकृत की बीमारी, या लाल रक्त कोशिकाओं के अत्यधिक विघटन द्वारा) Jaundice (yellowing of the skin or whites of the eyes, arising from excess of the pigment bilirubin and typically caused by obstruction of the bile duct, by liver disease, or by excessive breakdown of red blood cells)
  • पॉलीसिस्टिक यकृत रोग Polycystic liver disease
  • फैटी लीवर रोग (हेपेटिक स्टीटोसिस) Fatty Liver Disease (Hepatic Steatosis)
  • बुखार Fever
  • भूख नहीं लगना Appetite loss
  • मूत्रजनन संबंधी विकार Urogenital disorder
  • यूरीमिया Uremia
  • रक्ताल्पता Anemia
  • लीवर सिरोसिस Liver cirrhosis
  • डिस्पेनिया / अस्थमा Shvasa (Dyspnoea/Asthma)
  • शूल (कोलिकी दर्द) Shula (Colicky Pain)
  • शोफ Edema
  • संधिगत वात Sandhigata Vata
  • सर्वंगशोथ Sarvangashotha (Generalized tremors)
  • साँस लेने में परेशानी Breathing troubles
  • सामान्य कमज़ोरी General weakness
  • हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी) Hepatitis (Hepatitis A, Hepatitis B, Hepatitis C)
  • हाइपोथाइरोइड Hypothyroidism (underactive thyroid disease)

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Punarnavadi Kashayam

  • पुनर्नवादि कषाय यदि टेबलेट के रूप में है, तो 2-3 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • यदि पुनर्नवादि कषाय, लिक्विड रूप में है तो 12 ml से 24 ml काढ़ा लें।
  • इसे गर्म पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के पहले लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

पुनर्नवादि कषाय के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 से 3 महीने तक किया जा सकता है।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

पुनर्नवादि कषाय के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इस दवा में मूत्रल और विरेचन के गुण है।

पुनर्नवादि कषाय को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था के दौरान न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

उपलब्धता

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

  • बैद्यनाथ पुनार्नावादि काढ़ा Baidyanath Punarnavadi Kadha 450 ml @ Rs. 146.00.
  • AVP Punarnavadi Kashayam
  • AVN Punarnavadi Kashayam Tablets
  • Arya Vaidya Pharmacy Punarnavadi Kashayam Tablets
  • Arya Vaidya Sala Punarnavadi Kwatham Tablets
  • Kottakkal Arya Vaidya Sala Punarnavadi Kashayam
  • Vaidyaratnam Punarnavadi Kashayam
  • Kairali Products Punarnavadi Kashayam 1 Bottle 200 ml @ Rs. 100.
  • Nagarjuna Punarnavadi Kashayam 100 Tab @ MRP INR 230.
  • तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

हमदर्द बलूती Hamdard Balooti  Detail and Uses in Hindi

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बलूती, हमदर्द लैब द्वारा निर्मित एक यूनानी दवाई है। इसे पेशाब नहीं रोक पाना, रात में बिस्तर गीला कर देना, ब्लैडर की कमजोरी और पेशाब की दिक्कतों में लिया जा सकता है। यह किडनी और ब्लैडर को ताकत देने वाली, शरीर को बल देने वाली और सूजन दूर करने वाली दवा है।

यह दवा हर्बल है और वेजेटेरियन भी इसे ले सकते हैं। इस फार्मूलेशन में 300-300 mg भांग के बीज और बलूत का फल, 500 mg सलाई गुग्गुल, 100 mg रूमी मस्तगी और चीनी 3.3 ग्राम है। चीनी होने से यह शुगर के मरीजों के लिए सूटेबल नहीं है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Hamdard Balooti is Herbal Unani medicine. It is indicated in treatment of bed wetting, loss of urinary control and frequent urination. It works by reducing swelling and gives strength to kidney and bladder. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: बलूती Hamdard Balooti
  • निर्माता: हमदर्द
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: पेशाब बार-बार आना, पेशाब नहीं रोक पाना
  • मुख्य गुण: सूजन कम करना, पोषण देना
  • मूल्य MRP: 1 Jar of 125 gram paste @ Rs. 153.

बलूती के घटक Ingredients of Hamdard Balooti

In one dose of 5 grams

  • तुख्म ए भंग Tukhm Bhang 0.3g
  • जूफ्त बलूत Juft Baloot 0.3g
  • सलाई गुग्गुल Kundur 0.5g
  • रूमी मस्तगी Mastagi Roomi 0.1g
  • चीनी Sugar 3.3g.
  • Preservative; Sodium Benzoate 0.19% w/w.

सोडियम बेंजोएट का  रासायनिक सूत्र NaC7H5O2 है । इसे E211 से दिखाते हैं और यह एक व्यापक रूप से इस्तेमाल  खाद्य परिरक्षक है।  यह बेंज़ोइक एसिड का सोडियम नमक है। यह benzoic एसिड के साथ सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्रतिक्रिया द्वारा उत्पादित किया जा सकता है । सोडियम बेंजोएट, भोज्य पदार्थ में कवक नही पैदा होने देता। यह कवक से आक्रमण से खाद्य पदार्थों की रक्षा करता है।  कवक या फंगस के कारण भोजन खराब हो जाता है।

सोडियम बेंजोएट के सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं, संक्रमण, श्वसन पथ की बीमारी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, लसीका तंत्र के विकार, हेमटोलोगिक रोग, पोषण विकार और उल्टी।

अपने चिकित्सक से सोडियम बेंजोएट के बारे में बात करें, खासकर यदि आप बहुत से खाद्य पदार्थों और पेय का उपभोग करते हैं जिसमें सोडियम बेंजोएट डाला गया है।

बलूती के लाभ/फ़ायदे Benefits of Hamdard Balooti

  • यह दवाई शरीर में सूजन और दर्द में राहत देती है।
  • यह ताकत देती है।
  • यह हर्बल दवा है।
  • इसके सेवन से ब्लैडर का कण्ट्रोल सही होता है।

बलूती के चिकित्सीय उपयोग Uses of Hamdard Balooti

  • बार बार पेशाब आना Frequent urination
  • बिस्तर गीला करना Enuresis
  • पेशाब को कण्ट्रोल नहीं कर पाना urinary incontinence
  • गुर्दा और मूत्राशय संबंधी विकारों के लिए
  • शीघ्रपतन premature ejaculation

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Hamdard Balooti

  • यदि पेशाब रोकने में हमेशा दिक्कत होती है, अधिक समस्या है तो वयस्क इसकी 5 ग्राम की मात्रा, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें। पेशाब बार बार आता है, तो इसे दिन में एक बार रात को सोते समय, 5 ग्राम की मात्रा, में लें।
  • अधिक उम्र तक बच्चे बिस्तर गीला करते हैं तो इसे 2.5 ग्राम की मात्रा में रात को सोते समय दें।
  • इसे दूध अथवा पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

बलूती के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर कई महीने तक लिया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और विशेषज्ञ सलाह के साथ, इसका इस्तेमाल किया जाए तो बेहतर है।

बलूती के साइड-इफेक्ट्स Side effects

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

बलूती को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था के दौरान न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • डायबिटीज में इसका सेवन नहीं करें।

माजून फ़्लास्फ़ा Majun Falasfa Detail and Uses in Hindi

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माजून फ़्लास्फ़ा (Majun Falasfa / Majoon – E – Falasifa in Hindi) यूनाई दवाई है। यह दवा एक टॉनिक है जिसे एक ब्रेन टॉनिक, नर्व टॉनिक, गैस्ट्रिक टॉनिक, सेक्स करने की इच्छा बढ़ाने, औए वीर्य की समस्या में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा पुरुषों में मर्दाना कमजोरी, सेक्स के लिए इच्छा की कमी, शारीरिक कमजोरी, यौन कमजोरी आदि में भी उपयुक्त है|

यह यूनानी चिकित्सा पद्धति का माजून Majun or Majoon है । माजून वे यूनाई दवाइयां है जो जड़ी बूटियों के पाउडर और चीनी या असल / शहद को मिलाकर बनाया जाता है। जड़ी बूटियों के पाउडर को चीनी और शहद के साथ अच्छे से मिक्स करके यह दवाएं तैयार की जाती हैं। दवा को नाम इसके प्रमुख द्रव्य या गुण के कारण दिया जाता है। इस दवा का नाम Majun Falasfa है क्योंकि यह मेंटल पॉवर को बढ़ाती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Majun Falasfa is Herbal Unani Medicine. It is indicated in disorders affecting the nerves, kidneys, and urinary bladder such as sexual debility, kidney dysfunction, excessive micturition etc. It is also given in case of gout, backache, indigestion and loss of appetite. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: माजून फ़्लास्फ़ा, माजून फलसफा, Majun Falasfa, Majoon – E – Falasifa
  • निर्माता: हमदर्द
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल यूनानी
  • मूल्य MRP: Hamdard Majun Falasfa @ MRP INR 68

माजून फ़्लास्फ़ा के घटक Ingredients of Majun Falasfa

  • मुनक्का Maweez Munaqqa Vitis vinifera Linn. Fruit 450 g
  • सोंठ Zanjabeel Zingiber officinale Rosc. Rhizome 150 g
  • काली मिर्च Filfil Siyah Piper nigrum Linn. Fruit 150 g
  • पिप्पली Filfil Daraz Piper longum Linn. Fruit 150 g
  • दालचीनी Darchini Cinnamomum zeylanicum Blume, Bark 150 g
  • आमला Aamla Emblica officinalis Gaertn. Fruit 150 g
  • विभितकी Post-e-Balela Terminalia belerica Roxb. Fruit Rind 150 g
  • चित्रक Sheetraj Hindi Plumbago zeylanica Linn. Root 150 g
  • ज़रवंद मुदहरज Zarawand Madahraj Aristolochea rotunda Linn. Root 150 g
  • सालब मिश्री Salab Misri Orchis latifobia Linn. Root 150 g
  • चिलगोजा Maghz-e-Chilghoza Pinus gerardiana Wall. Kernel 150 g
  • बीज Bekh-e-Babuna Matricaria chamomilla Linn. Root 150 g
  • नारियल गिरी Maghz-e-Narjeel Cocos nucifera Linn. Kernel 150 g
  • कैमोमिला बीज Tukhm-e-Babuna Matricaria chamomilla Linn. Seed 75 g
  • शहद या चीनी Asal or Qand Safaid Honey or sugarCrystals 7.0 Kg

माजून फ़्लास्फ़ा के लाभ/फ़ायदे Benefits of Majun Falasfa

  • इसके सेवन से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • इसको खाने से नसों को ताकत मिलती है।
  • यह एक टॉनिक दवाई है और कमजोरी को दूर करती है।
  • यह दवाई वृषण testes को सही काम करने में सहयोगी है और शुक्राणुजनन को उत्तेजित करती है।
  • यह दिमाग और शरीर को ताकत देने वाला टॉनिक है।
  • यह पौष्टिक है।
  • यह मर्दाना ताकत को बढ़ाने वाली दवा है।
  • यह यौन शक्ति वर्धक है।
  • यह वीर्य को गाढ़ा करने वाला फार्मूलेशन है।
  • यह शक्तिवर्धक, जोशवर्धक, वाजीकारक टॉनिक है।

माजून फ़्लास्फ़ा के चिकित्सीय उपयोग Uses of Majun Falasfa

  • दिमागी ताकत बढ़ाना
  • याददाश्त सुधारना
  • एनोरेक्सिया (भूख नहीं लगना)
  • ऑलिगॉस्पर्मिया Oligospermia
  • कम लिबिडो
  • कमजोर पाचन
  • कामेच्छा की कमी
  • किडनी दर्द
  • गठिया
  • गुर्दा और मूत्र मूत्राशय की कमजोरी
  • जोड़ों में दर्द
  • जोश – शक्ति की कमी
  • ज्यादा हस्तमैथुन से दिक्कत
  • पाचन ठीक से नहीं होना
  • पेशाब नहीं रोक पाना
  • पेशाब में दर्द
  • बार बार पेशाब आना
  • बिस्तर गीला करना
  • भूलने की बीमारी
  • यौन दुर्बलता
  • वीर्य पतला होना
  • शारीरिक या मानसिक कमजोरी
  • शारीरिक व मानसिक थकान
  • सामान्य दुर्बलता General debility

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Majun Falasfa

  • इसे लेने की मात्रा 5 ग्राम से 10 ग्राम है।
  • इसे गर्म दूध या पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के 2 घंटे पहले या बाद में लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

माजून फ़्लास्फ़ा के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • शरीर में कोई और रोग भी है, तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे बहुत ज्यादा मात्रा में न लें।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  • खाने में दूध, फलों और सब्जियां को शामिल करें।
  • मादक पदार्थों, शराब, चाय और कॉफी का सेवन नहीं करें।
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पियें।
  • प्राणायाम और व्यायाम करें।
  • पाचन सही रखें।
  • खाना सुपाच्य खाएं।
  • कब्ज़ न रहने दें। फाइबर युक्त भोजन करें, सलाद खाएं, मुनक्का का सेवन करें और रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ त्रिफला का सेवन करें।

माजून फ़्लास्फ़ा के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • अधिक मात्रा में लेने से पेट में जलन हो सकती है।

माजून फ़्लास्फ़ा को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • शुगर, डायबिटीज में इसका सेवन नहीं करें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

हब्बे सुरंजान Habb-E-Suranjan Uses, Benefits, Side Effects, Dosages, Warnings in Hindi

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हब्बे सुरंजान Habbe Suranjan एक यूनानी दवाई है। यह दवा हर्बल है और वेजेटेरियन भी इसे ले सकते हैं।

हब्बे सुरंजन में सुरंजन शिरीन, एल्वा, तखम सोया, तुर्बुद सफ़ैद, हब्ब-उल-नील, गुगल, मास्टगी हैं जो इसे सूजन उतारने के और जोड़ों के दर्द में राहत देने में उपयोगी बनाते हैं। इसका मुख्य उपयोग गठिया में है।

हब्बे सुरंजन को जोड़ों में सूजन और दर्द, गाउट, आमवाती दर्द के उपचार, सूजन, चलने-फिरने में दिक्कत, आर्थराइटिस, लूम्बागो आदि में प्रयोग किया जाता है।

  • दवा का नाम: हब्बे सुरंजान Habb-e-Suranjan, हब्ब-ई सुरंजन
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: वात व्याधि
  • मुख्य गुण: जोड़ों के दर्द, सूजन आदि में राहत देना
  • मूल्य MRP: Habbe Suranjan (100 Pill) by Hamdard @ Rs 40.00

Habbe Suranjan is Herbal Unani medicine. It is used for joint pains, rheumatoid arthritis, osteoarthritis, and gout due to its analgesic and anti-inflammatory actions. It helps to alleviate the pain and inflammation associated with several types of arthritis. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

हब्बे सूरंजान के घटक Ingredients of Habbe Suranjan

  • एलो वेरा Elwa Aloe barbadensis Mill. Extract 35 g
  • सोआ बीज Tukhm-e-Soya Anethum sowa Kurz. Seed 35 g
  • निशोथ Turbud Safaid Operaculina turpethum (L.) Silva Manso Root 95 g
  • नीलकलमी Habb-ul-Neel Ipomoea nil (Linn.) Roth. Seed 35 g
  • सुरनंजन Suranjan Shireen Colchicum luteum Baker, Corn 80 g
  • गुगुल – कॉमिफोरा मुकुल गम Gugal Commiphora mukul (Hook. ex Stocks) Engl. Gum resin 15 g
  • मस्तगी – पिस्टिया लेन्टिस्कस राल Mastagi Pistacia lentiscus Linn. Resin 15 g

सुरंजन

सुरंजन समशीतोष्ण हिमालय, अफगानिस्तान और तुर्किस्तान में पाया जाता है। इसे परंपरागत रूप से सिरदर्द, गाउट, गठिया, यकृत और तिल्ली के रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है।

बाजार में दो प्रकार की सुरनंज हैं, मीठा और कड़वा। कड़वी किस्म में एल्कालोइड कोल्चिसिन में काफी बड़ी राशि होती है, जबकि मीठे किस्म में इस एल्कालोइड की मात्रा कम होती है। दोनों किस्मों में दर्द निवारण, एंटी-गाउट, एंटी-संधिशोथ, रेचक और इमेटिक गुण हैं।

सुरंजन को गठिया, गाउट, और कब्ज में दिया जाता है। गाउट और आवधिक बीमारियों के उपचार में कोल्चिसिन प्रभावी है, हालांकि कार्रवाई की सटीक तरीका जिसके द्वारा वह काम करता है, वह ज्ञात नहीं है।

निशोथ

निशोथ की जड़ की छाल में ग्लाइकोसिडिक राल होता है, जिसमें अघुलनशील ग्लाइकोसाइड टरपेथीन होता है। इसमें सैपोनिन, फ्लेवोनोइड, ग्लाइकोसाइड और फिनोलिक्स के साथ-साथ कुछ आवश्यक तेल, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज सहित द्वितीयक चयापचयों भी शामिल है। निशोथ के रासायनिक घटक रेजिन हैं, जो α- और β-turpethein का मिश्रण है। इसमें ग्लाइकोसिडिक राल, क्यूमरिन, बीटा-सिस्टोस्टरोल, शर्करा को कम करने, और आवश्यक तेलों सहित विभिन्न प्रकार के फाइटोकोनेंटिटीज शामिल हैं। अक्सर, इस जड़ी बूटी की जड़ की छाल को त्वचा विकारों जैसे कि विटिलिगो और गर्भाशय ग्रीवा लिम्फाडेनइटिस, फिस्टुला, कब्ज, क्रोनिक गाउट, बुखार, ब्रोंकाइटिस, अल्सर, बवासीर जैसे कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

गठिया, पक्षाघात, बिच्छू का डंक, और साँप काटने के उपचार के लिए भी जड़ का पाउडर फायदेमंद है।

एलो वेरा

कुमारी, घृत कुमारी, ग्वारपाठा, एलो वेरा का नाम है। रस में यह मधुर-तिक्त, गुण में गुरु, स्निग्ध, पिच्छल, वीर्य में शीत और विपाक में कटु है। यह त्रिदोषहर, शोथहर, वृष्य, और व्रण रोपण है। यह पेट के रोगों, यकृत / लीवर के विकारों, गुल्म समेत प्लीहा और यकृत वृद्धि में लाभप्रद है।

घृत कुमारी (एलो वेरा) में सूजन और दर्द से राहत देने के गुण है। इसमें बीटा-सीटोस्टेरॉल beta-sitosterol होता है जो की शरीर में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड के स्तर को कम करता है साथ ही यह सूजन को कम करने में भी सहयोग करता है। आलो-वेरा में एंटी -प्रोस्टाग्लैंडीन भी होता है जो दर्द और सूजन निवारक है।

हब्बे सूरंजान के लाभ/फ़ायदे Benefits of Habbe Suranjan

  • यह मुख्य रूप से गाउट के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • यह रुमेटीयड गठिया, ओस्टियोर्थराइटिस, और गाउट के उपचार में फायदेमंद है।
  • इसमें एनाल्जेसिक और सूजन दूर करने के गुण हैं।
  • यह कई प्रकार के गठिया से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • यह पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीयस गठिया जैसी अन्य स्थितियों में लाभप्रद है।

हब्बे सूरंजान के चिकित्सीय उपयोग Uses of Habbe Suranjan

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस Osteoarthritis
  • कटिस्नायुशूल Sciatica
  • जोड़ों का दर्द joint pains
  • निकरस (गाउट) Niqras (Gout)
  • रक्त में यूरिक एसिड की अधिकता Excess of uric acid in the blood
  • वाज-उल-माफसिल Waj-ul-Mafasil (Arthralgia)
  • शरीर में दर्द body aches and pains
  • संधिशोथ Rheumatoid Arthritis

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Habbe Suranjan

  • 2-3 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

हब्बे सूरंजान के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

इसे बताई गई मात्रा से अधिक नहीं लें।

इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

सूरंजान को लंबी अवधि के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। लंबे समय तक सुरंजन के उपयोग से एगर्रानुलोसाइटोसिस (खून में ग्रैन्यूलोसाइट्स की कमी, से संक्रमण बढ़ सकता है), ऐप्लास्टिक एनीमिया (सभी प्रकार के रक्त कोशिकाओं की कमी) और परिधीय तंत्रिका सूजन (क्षति या रोग प्रभावित तंत्रिका) हो सकता है।

हब्बे सूरंजान के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • सूरंजान के दुष्प्रभाव में खालित्य, ऐप्लॉस्टिक एनीमिया, दस्त, प्रवेश, ल्यूकोपीनिया, मितली, त्वचा परिवर्तन, उल्टी, पेट और आंत की गंभीर सूजन आदि शामिल है। यदि कोई भी साइड इफ़ेक्ट लगे तो दवा लेना बंद कर दें।
  • निशोथ तासीर में गर्म है। इसे 12 साल से छोटे बच्चों में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • निशोथ विरेचक है। इसका अधिक मात्रा में प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद है।
  • निशोथ का अधिक मात्रा में इसका सेवन दस्त, गुदा से खून आना, उलटी, पेट में दर्द, सीने में दर्द, पानी की कमी, चक्कर आना और बेहोशी कर सकता है।

हब्बे सूरंजान को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें। इससे भ्रूण की असामान्यताएं हो सकती हैं।
  • यह रक्तस्राव की प्रवृत्ति को बढ़ा सकता है, इसलिए सर्जरी से 2 सप्ताह पहले और सर्जरी के बाद से इसे नहीं लिया जाना चाहिए।
  • दस्त होने पर इसे नहीं लें।
  • दवा के किसी भी घटक से यदि एलर्जी है, तो इसे नहीं लें।

जॉली फैट गो (कैप्सूल, पाउडर और तेल) Price, Review in Hindi

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जॉली फैट गो Jolly Fat-Go in Hindi वज़न कम करने के लिए ऑनलाइन और दुकानों में मिलाने वाला एक प्रोडक्ट है। इसके विज्ञापन अक्सर हिंदी के अखबारों और मैगजीनों में देखने को मिल जाते हैं। प्रोडक्ट के डिब्बे पर जो लिखा है उसके अनुसार यह एक हर्बल दवा है और वज़न को कम करने में उपयोगी है। यह पाउडर, कैप्सूल और मालिश के तेल के रूप में उपलब्ध है।

जॉली हेल्थकेयर द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक उत्पाद है। अगर चयापचय संबंधी विकार के कारण वज़न बढ़ रहा है, तो इस दवा का उपयोग किया जा सकता है।

यह प्रोडक्ट वज़न कम करता है या नहीं, इसके बारे में हमें जानाकरी नहीं है। हमने यहाँ इस प्रोडक्ट के डब्बे पर पैक पर लिखी हुई जानकारी के आधार पर इस पेज पर जानकारी दे रहें हैं। हम यहाँ ये भी जोड़ना चाहेंगे यह प्रोडक्ट के लिए क्या कोई क्लीनिकल टेस्ट किए गए हैं, इसके बारे में ज्ञात नहीं है।

हमारी समझ से इस स्लिमिंग प्रोडक्ट में ऐसे कोई बहुत विशेष पदार्थ नहीं हैं जो वज़न को जादुई तरीके से कम कर दें। इसमें अश्वगंधा है जो मसल्स के मॉस बढ़ाने के आयुर्वेद की प्रमुख टॉनिक जड़ी बूटी है।

कुछ लोगों में हो सकता है कि महीनों के इस्तेमाल के बाद भी कोई वज़न कम नहीं हो। इसलिए प्रोडक्ट को इस्तेमाल करना शुरू करने के पहले अपना वज़न किसी अच्छे डिजिटल वज़न तौलने की मशीन पर करवा के नोट कर लें और कुछ दिनों के अंतराल पर दुबारा उसी मशीन पर वज़न करें जिससे वज़न घटा, या घटने के बाजए बढ़ गया, यह जाना जा सके।

इसकी सेफ्टी और साइड इफ़ेक्ट के बारे में भी हमे जानकारी नहीं है। कुछ लोगों के अनुसार इसे खाने से कुछ स्किन प्रॉब्लम हो गई।

हम जॉली फैट गो को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह प्रोडक्ट का प्रचार नहीं है। यह आपके लिए फायदेमंद होगी या नुकसानदेह हम नहीं कह सकते। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य बाज़ार में मिलने वाले इस प्रोडक्ट के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

नीचे जानकारी दी गई है जो आपको इस प्रोडक्ट के बारे में डिटेल देगी, इसे इस्तेमाल करना या नहीं करना आपका स्वयं का निर्णय है।

Jolly Fat Go Slimming Capsules and Jolly Fat Go Slimming Powder and Jolly Fat Go Slimming Oil, are Herbal Supplement for weight loss. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • प्रोडक्ट का नाम: जॉली फैट गो Jolly Fat-Go
  • निर्माता: जॉली फार्मा, पंजाब, भारत
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • प्रोडक्ट का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: वज़न कम करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: इसे प्रेगनेंसी में इस्तेमाल नहीं करते हैं.

मूल्य MRP:

  • JOLLY FAT GO SLIMMING POWDER CHOCOLATE FLAVOR 400GM @ ₹750.00
  • JOLLY FAT GO SLIMMING CAPSULES – 60 CAPSULES @ ₹417.00
  • JOLLY FAT GO SLIMMING OIL – 110ML @ ₹279.00

जॉली फैट गो के घटक Ingredients of Jolly Fat Go

जॉली फैट गो पाउडर

Each 100 gram Contain Dry Extract of:

  • कोकम Kokum Garcinia indica 7gm
  • अश्वगंधा Ashwagandha Withania somnifera 3gm
  • शतावरी Shatavari Asparagus racemosus 2gm
  • कॉफी Coffee Bean Ext Coffea Arabica 7gm
  • अमला Amla Emblica officinalis 3gm
  • विडंग Vidanga Embelia ribes 2gm
  • पिप्पली Pippali Piper longum 2gm
  • हरितकी Haritaki Terminalia chebula 4gm
  • चित्रक Chitraka Plumbago zeylanica 3gm
  • मधुस्नूही Madhusnuhi Smilax china 3gm
  • काशिफला Kashiphala Cucurbita maxima 3gm
  • मेथी Methi Trigonella foenum graeceum 3gm
  • वचा Vacha Acorus calamus 3gm
  • लैक्टस Lactus Dugdha 30gm

Preservatives used:

  • Sodium Methyl Paraben 0.01%
  • Sodium Propyl
  • Paraben 0.01%
  • Sodium Benzoate 0.2 %

सोडियम बेंजोएट का  रासायनिक सूत्र NaC7H5O2 है । इसे E211 से दिखाते हैं और यह एक व्यापक रूप से इस्तेमाल  खाद्य परिरक्षक है।  यह बेंज़ोइक एसिड का सोडियम नमक है। यह benzoic एसिड के साथ सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्रतिक्रिया द्वारा उत्पादित किया जा सकता है । सोडियम बेंजोएट, भोज्य पदार्थ में कवक नही पैदा होने देता। यह कवक से आक्रमण से खाद्य पदार्थों की रक्षा करता है।  कवक या फंगस के कारण भोजन खराब हो जाता है।

  • सोडियम बेंजोएट के सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं, संक्रमण, श्वसन पथ की बीमारी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, लसीका तंत्र के विकार, हेमटोलोगिक रोग, पोषण विकार और उल्टी।
  • अपने चिकित्सक से सोडियम बेंजोएट के बारे में बात करें, खासकर यदि आप बहुत से खाद्य पदार्थों और पेय का उपभोग करते हैं जिसमें सोडियम बेंजोएट डाला गया है।

जॉली फैट गो कैप्सूल

प्रत्येक जेलेटिन Capsule contains

  • विलायती इमली Vilayati imli extract Garcinia cambodia 100 mg
  • ग्रीन टी Green Tea extract Camellia sinsensis 65 mg
  • अनानास Pineapple extract Ananas sativus 50 mg
  • दालचीनी Dalchinni extract Cinnamomum Cassia 15 mg
  • तुलसी Tulsi extract Ocimum sanctum 25 mg
  • गुगुल Guggul extract Commiphora mukul 35 mg
  • मेथी Methi extract Trigonella foenum 20 mg
  • गुल बनफ़्सा Gul Banafsa extract viola odorata 25 mg
  • कोकुम Kokum extract Garcinia Purpurea 30 mg
  • नागर्मोथा Nagarmotha Powder Cyperus rotundus 15 mg
  • त्रिफला Triphla Powder 30 mg
  • कुलथी Kulthi Powder Dolichos biflorus 20 mg
  • गुरमार Gurmar Powder Gymnema sylvestre 15 mg
  • सोंठ Sonth Powder Zingiber officinale 20 mg
  • चित्रक Chitraka Powder Plumbago zeylanica 20 mg
  • एक्साइजेंट्स Excipients  Q.S

जॉली फैट गो आयल

Each 110ml. Contains Oil Ext. of:

  • दालचीनी तेल Dalchini Oil 5.00%
  • कालीमिर्च तेल Kalimirich Oil 5.00%
  • वीट जर्म आयल Wheat Germ Oil 5.00%
  • अजोवन तेल Ajowan Oil 3.00%
  • बादाम तेल Badam Oil 3.00%
  • नागर्मोथा तेल Nagarmotha Oil 5.00%
  • ग्रंथि ऑइल Granthi Oil 2.00%
  • निम्बू तेल Nimbu Oil 2.00%
  • रूजमेरी तेल Rusmari Oil 2.00%
  • मजूफुल तेल Majuphul Oil 3.00%
  • चित्रक तेल Chitraka Oil 1.00%
  • लहसुन तेल Lasun Oil 3.00%
  • कोकम तेल Kokam Oil 3.00%
  • जेतून ऑयल Jaitoon Oil 25.00%
  • खनिज तेल Mineral Oil 33.00%

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Jolly Fat-Go

Jolly Fat-Go Capsule

  • 2 कैप्सूल दिन में दो बार गर्म पानी के साथ खाने के पहले, शुरू के 12 सप्ताह के लिए।
  • वज़न को बनाए रखने के लिए 1 कैप्सूल दिन में दो बार खाने के पहले।
  • कैप्सूल को लेने की अवधि ३ महीने बताई गई है।
  • ऐसा लिखा गया है, दवा लेने के 1 महीने बाद कुछ फर्क लग सकता है।

Jolly Fat-Go Powder

  • इसे लेने की मात्रा 20 ग्राम है। इसे दूध के साथ मिलाकर लेने का निर्देश दिया गया है। दो स्कूप पाउडर को 50 ml डबल टोंड दूध में मलाकर पेस्ट बनाते हैं और एक कप दूध और मिलाकर पी लेते हैं।
  • इसे दिन में एक बार लेते हैं।
  • पाउडर के डब्बे पर लिखा है कि अच्छे रिजल्ट के लिए 2 जॉली फैट कैप्सूल दिन में दो बार लें।
  • अलग-अलग लोगों के लिए परिणाम भिन्न हो सकते हैं।

जॉली फैट-गो एंटी सेल्युलाईट मालिश ऑयल

  • जॉली फैट-गो एंटी सेल्युलाईट मालिश ऑयल से मालिश शरीर को फिट और दुबला रखता है, ढीले ऊतकों को कसने में मदद करता है, यह ट्रायग्लिसराइड्स के भंडारण को रोकता है और वजन प्रबंधन के लिए सहायक होता है।
  • सर्वोत्तम परिणामों के लिए कम से कम 12 सप्ताह का उपयोग करें।
  • शरीर के हिस्से के आधार पर 3 से 5 मिलीलीटर या उससे अधिक की मात्रा को 10-15 मिनट के लिए एक बार या दो बार मालिश करने के लिए लें और मालिश करने के बाद गर्म तौलिया के साथ कवर करें।

जॉली फैट गो के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • वजन बढ़ने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं जैसे की पाचन तंत्र की खराबी, थायराइड की समस्या, hormonal असंतुलन, आनुवंशिकी, धीमा चयापचय, PCOD, निष्क्रिय जीवन शैली और अधिक वसा वाला खाना, भोजन की आदतें आदि।
  • मोटापा होने के कारण को समझें।
  • पानी ज्यादा मात्रा में पियें।
  • पीने के लिए हल्का गर्म पानी लें।
  • खाने में सलाद ज़रूर लें।
  • जंक फ़ूड, केक, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, मैदे से बने भोज्य पदार्थ न खाएं।
  • यह प्रोडक्ट बारह साल से छोटे बच्चों को न दें।
  • गर्भावस्था में इसका प्रयोग न करें।
  • इस दवा में विरेचक गुण हैं।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन कर सकता है।
  • यह दवा कुछ महीनों तक प्रयोग की जा सकती है।
  • अच्छे प्रभाव के लिए दवा के साथ-साथ जीवन शैली में भी परिवर्तन करें।

जॉली फैट गो के साइड-इफेक्ट्स Side effects

साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी ज्ञात नहीं है।

जॉली फैट गो को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • यह प्रोडक्ट बच्चों के लिए नहीं है। इसे बच्चों को नहीं दें ।
  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई भी वज़न कम करने की आयुर्वेदिक दवा नहीं लें।

गुलाब जल Rose Water Uses, Benefits, Side Effects, Warnings in Hindi

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गुलाब जल, का इस्तेमाल चेहरे की देखभाल के लिए किया जाता है। इसे त्वचा टोनर या फेस पैक में मिलाकर इस्तेमाल करते हैं। इसमें रूई भिगोकर चेहरे की सफाई की जाती है। बेसन या मुल्तानी मिट्टी में मिलकर इसका पेस्ट बनाया जाता है जिसे चेहरे पर लगाने से चेहरे की सफाई होती है। मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर इसे लगाने से चेहरे से अतिरिक्त तेल, सेबम हटता है जबकि ग्लिसरीन में मिलाकर लगाने से त्वचा का ड्राईनेस दूर होता है। चेहरे पर दाग धब्बे हैं तो गुलाब जल को नींबू के रस में मिलाकर लगा सकते हैं। गुलाब जल की कुछ बूंदे दिन में 2-3 बार आँखों में डाली जाती हैं. इससे आँखे साफ़ होती हैं और आराम मिलता है। गुलाब जल के अनेकों प्रयोग हैं।

gulabjal

एंटीसेप्टिक, एंटीइन्फ्लेमटरी और कूलिंग गुणों होने के कारण इसे आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है।

गुलाब जल या रोज़ वाटर होता क्या है?

  • गुलाब जल, गुलाब की पंखुड़ियों के भाप के साथ आसवन कराने से मिलता है। It is the hydrosol portion of the distillate of rose petals, a by-product of the production of rose oil for use in perfume.
  • यह गुलाब की पंखुड़ियों की तरह सुगन्धित होता है। गुलाब जल हजारों सालों से इस्तेमाल होता आया है। इसे सौंदर्य उत्पादों, खाद्य और पेय उत्पादों में उपयोग किया जाता है। गुलाब जल में 10 से 50 प्रतिशत के बीच गुलाब का तेल होता है।
  • रोज़ वाटर बनाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों और पानी को समान मात्रा में मिलाकर गर्म करते हैं। इससे जो भाप बनती है उसे इकठ्ठा कर लिया जाता है। यह भाप ठंडे होने पर रोज़ वाटर या गुलाब जल कहलाती है।

क्या गुलाब जल पीने के लिए सुरक्षित है?

हाँ, पर प्रोडक्ट के लेबल पर देख लें।

गुलाब जल में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी एजिंग, एंटीसेप्टिक और लेक्सेटिव गुण हैं। इसे पीने से अपसेट पट पेट और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं से राहत मिलती है।

गुलाब जल के क्या लाभ हैं?

What are the Health Benefits of Rose Water?

  • गुलाब जल में ताजगी देने, सूजन कम करने, ठंडक देने और त्वचा की लाली को कम करने के गुण हैं।
  • इसे मुँहासों, चमड़ी सूजन और एक्जिमा आदि में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रोमछिद्रों में जमा हुए तेल और गंदगी को दूर करने में सहायक है।
  • रोज वाटर में एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण हैं जो घावों को तेजी से ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इन गुणों के कारण इसे चोट और जलन के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।

गुलाबजल का त्वचा के लिए फायदे

  • गुलाब जल हजारों सालों के लिए एक सौंदर्य उत्पाद के रूप में उपयोग किया गया है, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि यह आपके रंग को बेहतर बना सकता है और त्वचा की लाली को कम कर सकता है।
  • त्वचा की जलन को कम करने में मदद करता है।
  • गुलाब जल की खासीयत है कि इस का प्रयोग हर प्रकार की स्किन यहां तक कि सेंसेटिव स्किन पर भी किया जा सकता है
  • जीवाणुरोधी गुण मुँहासे को कम करने में मदद कर सकते हैं जबकि सूजन कम करने के गुण त्वचा की लाली और पफिनेस को कम कर सकते हैं
  • त्वचा शरीर में सबसे बड़ा अंग है और यूवी विकिरण, रसायनों और अन्य भौतिक प्रदूषक के खिलाफ एक बाधा के रूप में कार्य करता है। गुलाब जल में एंटीऑक्सिडेंट के रूप में त्वचा को हो सकने वाले नुकसान के खिलाफ कोशिकाओं की रक्षा करता है।
  • गुलाब जल में एंटीइन्फ्लेमटरी गुण हैं। यह सूजन, जलन, और रैश आदि पर लगाने पर ठंडक और आराम देता है।
  • गुलाब जल को बिना साइड इफेक्ट के इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • गुलाब जल में कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो कि कोशिकाओं को नुकसान से बचा सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि इन एंटीऑक्सिडेंट्स में संभावित लिपिड पेरोक्साइडेशन को कम करने के प्रभाव हैं। परिणामस्वरूप यह शक्तिशाली सेल सुरक्षा प्रदान करता है।
  • यह त्वचा को ठंडक देने और लालिमा को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही लाइनों और झुर्रियों की उपस्थिति को कम करके, एक एंटी एजिंग उत्पाद के रूप में कार्य करता है।
  • गुलाब के पानी में एंटीसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह घावों को तेज़ी से ठीक करने में मदद करता है। इसे जलने, कटने और खुरचने पर लगा सकते हैं,

गुलाब जल आँखों के लिए फायदेमंद

गुलाब जल में शक्तिशाली एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो संक्रमण को रोक और इलाज कर सकते हैं। इसके कारण, गुलाब के पानी को अक्सर विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक और औषधीय उपचारों में शामिल किया जाता है।

गुलाबजल डालने से आंखें स्वस्थ रहती है। एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि जब गुलाब का पानी आंखों में इस्तेमाल किया गया था नेत्रश्लेष्मलाशोथ के मामलों का इलाज करने के लिए, इसकी एंटीसेप्टिक और एनाल्जेसिक गुणों ने नेत्र रोग के उपचार में मदद की। गु

  • लाब जल को ऑय ड्राप की तरह आंख की समस्याओं में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • ऑख में गुलाब जल का प्रयोग करने से ऑख की तकलीफ दूर होकर स्वच्छ व साफ होती है। गुलाब जल ऑखों को शीतलता प्रदान करता है। गुलाब जल का प्रयोग निम्न में मदद कर सकता है :
  • आँख आना conjunctivitis
  • कंज़ेक्टिव एक्सरेसिज़िस या सूखी आँख conjunctival xerosis or dry eye
  • तीव्र डाइक्रोसाइटिसिटिस acute dacryocystitis
  • अपक्षयी स्थितियां degenerative conditions, such as pterygium or pinguecula
  • मोतियाबिंद cataracts

गुलाब जल की कुछ बूंदे नियमित आँखों में डाली जा सकती हैं।

गुलाबजल के अन्य उपयोग

श्वसन

  • इसके ठंडक देने और एंटीइन्फ्लेमटरी गुण के कारण गुलाब जल को गले में खराश के इलाज के लिए लिया जा सकता है।
  • इसके अलावा, एक अध्ययन से पता चला है कि यह गले में मांसपेशियों को रिलैक्स कर सकता है।
  • इसके एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह संक्रमण को रोकने और उपचार करने के लिए यह उपयोगी साबित हुआ। है। हालांकि इसकी प्रभावशीलता को साबित करने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता है, इसके समर्थन के लिए ठोस वास्तविक साक्ष्य हैं और इसका प्रयास करने में बहुत कम जोखिम है।

दिमाग

गुलाब जल वाष्पों का साँस लेना पारंपरिक रूप से किसी व्यक्ति के मनोदशा को सुधारने के लिए इस्तेमाल जाता है। तरल भी मौखिक रूप से लिया जा सकता है। अनुसंधान ने दिखाया है कि गुलाब जल में एंटीडिप्रेंसेंट और एंटी-एंग्जायटी गुण हैं।

यह कई मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज करने के लिए उपयोग किया गया है जिनमें निम्न शामिल हैं:

  • डिप्रेशन
  • तनाव
  • एंग्जायटी

अन्य चिकित्सा मामलों में, गुलाब का पानी डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग जैसी स्थितियों के उपचार में लाभकारी माना जाता है।

सिर दर्द से राहत

यह सिर दर्द और माइग्रेन के इलाज में भी मदद कर सकता है। सिरदर्द को राहत देने में मदद करने के लिए रोज़ वाटर और रोज एसेंशियल आयल का इस्तेमाल आम तौर पर अरोमाथेरेपी में किया जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि गुलाब के पानी का वाष्प सिरदर्द को कम कर सकता है।

पाचन

  • गुलाब जल का पाचन तंत्र पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। यह पेट की सूजन और अपसेट पेट सहित सामान्य शिकायतों के लक्षणों में मदद करता है।
  • गुलाब जल विरेचक के रूप में भी काम करता है। यह मल में पानी की मात्रा और शौचालय जाने की आवृत्ति दोनों में वृद्धि कर सकता है, जिससे यह कब्ज के लिए अच्छा इलाज हो सकता है।

गुलाब जल कैसे इस्तेमाल करें?  गुलाब जल का उपयोग कैसे करे?

आप आसानी से मार्केट से या ऑनलाइन गुलाब जल खरीद सकते हैं। आप इसे त्वचा पर सीधे लगा सकते हैं, या नारियल तेल जैसे प्राकृतिक तेलों या मॉइस्चराइजर्स के साथ मिक्स कर सकते हैं।

फेस पैक में

इसे फेस फैक में मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं।

टोनर

गुलाबजल एक नैसर्गिक टोनर है। इसे चेहरे की सफाई या टोनर के रूप में रूई पर लगाकर प्रयोग करें। ठन्डे गुलाब जल को एक नरम कॉटन बॉल में अब्सोर्ब करें और त्वचा पर लगायें।

त्वचा की देखभाल

  • 1 चम्मच नींबू का रस 1 बड़ा चम्मच पानी के साथ मिलाएं। इससे त्वचा साफ़ करें और इसे 30 मिनट तक रहने दें। इससे त्वचा साफ़ होगी और चमाक आएगी।
  • चेहरे को साफ़ करने के बाद रोज़ वाटर से चेहरा रिंज करें।
  • रोज़ वाटर स्प्रे बोतल में डालें और चेहरे पर स्प्रे करें।
  • कच्चे दूध का फेस मास्क बनाने के लिये 3/2 चम्मच बेसन के साथ कच्चा दूध मिलाएं। उसमें कुछ बूँद शहद और गुलाब जल की डालें। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिक्स कर के चेहरे पर 10 मिनट तक लगाए रखें और फिर हल्के गरम पानी से धो लें।

ग्लिसरीन और गुलाब जल

ग्लिसरीन में रोज़ वाटर मिलाकर ड्राई, थिक और खुजली वाली त्वचा पर लगाएं। इसे ड्राईनेस दूर होगी।

होठों की देखभाल

शहद के कुछ बूंदों के साथ गुलाब जल की बूंद मिलाकर इसे अपने होंठ पर लागू करें। दिन में यह तीन या चार बार करें।

आंतरिक प्रयोग

आंतरिक प्रयोग के लिए उपयुक्त रोज़ वाटर को आप चाय बनाने के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह आंतरिक रूप से शरीर को हाइड्रेशन, त्वचा लाभ देती है और पाचन की दिक्कतों का इलाज करता है।

गुलाब जल को लेने में क्या सावधानियां ज़रूरी हैं? गुलाब जल के नुकसान क्या हैं?

  • गुलाब जल सुरक्षित माना जाता है।
  • इसका उपयोग करने के लिए कोई भी ज्ञात जोखिम नहीं है।
  • इसका एकमात्र अपवाद है, अगर आपको इस के अंदर पाए जाने वाले किसी भी पदार्थ के एलर्जी हो।
  • बाहरी इस्तेमाल में किसी सावधानी की ज़रुरत नहीं है।

उपलब्धता

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

गुलाब जल निम्न कम्पनियों द्वारा निर्मित है:

  • Patanjali Divya Gulab Jal 120 ml @ Rs. 30.00
  • Dabur Gulabari Rose Water, 250ml @ Rs. 68.00
  • Dabur Gulabari Premium Rose Water (Skin Toner) – 120 ml @ Rs. 45.00
  • Khadi Rose Water – Herbal Skin Toner & Natural Cleanser Gulab Jal – 210 ml @ Rs. 150.00
  • VLCC Rose Water Toner तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

जापानी तेल Japani Oil Uses, Benefits, Side Effects, Dosages, Warnings in Hindi

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जापानी तेल एक आयुर्वेदिक मालिश करने का तेल है। इसे लिंग की कमजोरी दूर करने के लिए है और लिंग की कठोरता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इससे मालिश करने से बेटर इरेक्शन / लिंग स्तम्भन हो सकता है। इस आयुर्वेदिक दवा का प्रयोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन functional ED में किया जाता है। यह फंक्शनल ईडी में फायदेमंद है।

जापानी तेल में अकरकरा रूट, मल्ल / संखिया खनिज, मालकांगनी बीज, केशर स्टिग्मा, हरताल मिनरल, लवंग फ्लॉवर बड, और जैतून और तिल ऑयल हैं। संखिया और हरताल, विषाक्त खनिज हैं।

जापानी तेल को पेनिस के ऊपर लगाकर अच्छे से मालिश करनी चाहिए। इसे पेनिस के हेड पर नहीं लगाना चाहिए। इसका इस्तेमाल चिकित्सा पर्यवेक्षण के अंतर्गत करें। यदि कोई भी एलर्जिक रिएक्शन हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Japani Oil is an herbal formulation containing well-known Ayurvedic Oils and used to have better erection for longer duration. This medicine is meant for topical use in males only. It is for external application. It is applied on penis. It should not be applied to the glans penis or the head of penis. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: जापानी तेल Japani Oil, Japani Tail, Japani Tel
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • श्रेणी: आयुर्वेदिक तेल Ayurvedic Oil
  • मुख्य उपयोग: इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • मूल्य: Japani Oil Chaturbhuj Pharma 15 ml bottle @ ₹ 171.00

पेनिस में इरेक्शन नहीं होने के कुछ कारण

पुरुष में दृष्टि, विचार या स्पर्श से यौन उत्तेजना आती है। उत्तेजना से मस्तिष्क संकेतों को भेजता है जिससे पेनिस की धमनियों के आसपास की चिकनी मांसपेशियों को रिलैक्स किया जाता है जो पेनिस में रक्त की आपूर्ति करती हैं। खून की बढ़ी हुई राशि से पेनिस कड़ा हो जाता है। त्वचा का दबाव आंशिक रूप से नसों के वाल्व को बंद कर देता है, जिससे इरेक्शन को बनाए रखने में मदद मिलती है। यह इरेक्शन सम्भोग के लिए ज़रूरी है। स्खलन या उत्तेजना के समाप्ति के बाद, रक्त शरीर में वापस लौट जाता है, पेनिस में रक्त के प्रवाह का स्तर सामान्य हो जाता है। शिश्न एक बार फिर वापस से नार्मल अवस्था में आ जाता है।

स्तंभन दोष, जो तकनीकी रूप से “संभोग के लिए पर्याप्त निर्माण को प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थता” के रूप में परिभाषित किया गया है। यह पुरुषों में सबसे आम यौन बीमारियों में से एक है। यद्यपि स्तंभन दोष मुख्य रूप से मूल में मनोवैज्ञानिक हो सकता है, ज्यादातर पुरुषों के लिए यह आमतौर पर एक शारीरिक विकार है, अक्सर कुछ मनोवैज्ञानिक कारणों के साथ आता है। यह निर्धारित करना अक्सर मुश्किल होता है कि स्तंभन दोष का कारण शारीरिक या मनोवैज्ञानिक या संयोजन है।

मनोवैज्ञानिक नपुंसकता आचानक हो सकती है और हाल की स्थिति से संबंधित हो सकती है। इरेक्शन कुछ परिस्थितियों में सक्षम हो सकता है, लेकिन दूसरों में नहीं। सुबह जागने पर इरेक्शन अनुभव नहीं होना से पता चलता है कि समस्या मनोवैज्ञानिक नहीं शारीरिक है।

शारीरिक नपुंसकता धीरे-धीरे होती है, लेकिन समय के साथ लगातार बढ़ती है। अगर नपुंसकता तीन महीने की अवधि में बनी रहती है और ऐसा किसी तनावपूर्ण घटना, नशीली दवाओं के उपयोग, शराब या चिकित्सा की स्थिति के कारण नहीं है, तो व्यक्ति को नपुंसकता के विशेषज्ञ urologist से सलाह करनी पड़ सकती है।

सामान्य स्वास्थ्य में कमी और शारीरिक थकावट इरेक्शन को प्रभावित कर सकते हैं। जब पुरुष बहुत थका हुआ हो, तो उसे केवल एक इरेक्शन हो सकता है, लेकिन फिर भी चरमोत्कर्ष करने में सक्षम हो सकता है। इरेक्शन का टाइम लगभग 30 – 45 मिनट के आसपास हो सकता है।

एंग्जायटी Anxiety में भावनात्मक और शारीरिक परिणाम होते हैं जो इरेक्शन को प्रभावित कर सकते हैं। यह मनोवैज्ञानिक नपुंसकता के लिए सबसे अधिक कॉमन कारणों में से एक है। यौन प्रदर्शन की चिंता, विफलता से आत्म-संदेह का गहन भय पैदा हो सकता है। इस प्रभाव से नपुंसकता का चक्र बन सकता है। एंग्जायटी के जवाब में, मस्तिष्क न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में जाने वाले रसायनों को जारी करता है जो लिंग और उसकी धमनियों की चिकनी मांसपेशियों को बाधित करती है। यह रक्त के प्रवाह को कम कर देता है और पेनिस में कड़ापन नहीं आता। सरल तनाव मस्तिष्क के रसायनों की रिहाई को भी बढ़ावा दे सकता है जो पेनिस के इरेक्शन को प्रभावित करते हैं।

  • डिप्रेशन, स्तंभन दोष के साथ जुड़ा हुआ है। एक अध्ययन में, 82% पुरुषों ने मध्यम से गंभीर स्तंभन दोष से पीड़ित पुरुषों में अवसाद के लक्षण भी थे। अवसाद निश्चित रूप से यौन इच्छा कम कर सकता है
  • सामाजिक आर्थिक मुद्दों, जैसे नौकरी खोना या कम आय या होने से नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है।
  • धूम्रपान (विशेष रूप से भारी) को नपुंसकता के विकास में एक योगदानकारी कारक है
  • शराब भी नपुंसकता पैदा करने का कारक है। अधिक मात्रा में शराब यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को दबा सकता है और यौन क्रिया को कम कर सकता है।
  • हृदय की समस्याओं, रक्त वाहिकाओं में रुकावट, कोरोनरी हृदय रोग से इरेक्शन दोष हो सकता है। उच्च रक्तचाप में इरेक्शन की समस्या ज्यादा गंभीर है। उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के दुष्परिणाम से भी नपुंसकता हो सकती है।
  • पार्किंसंस रोग नपुंसकता के लिए एक जोखिम कारक है।
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और इरेक्शन कम करता है।
  • रीढ़ की हड्डी की चोट और पैल्विक आघात, जैसे कि पैल्विक फ्रैक्चर, तंत्रिका क्षति के कारण हो सकता है जो नपुंसकता का कारण बन सकता है।
  • मधुमेह नपुंसकता के मामलों के रूप में 40% के रूप में योगदान कर सकते हैं।
  • अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नियमित साइकिलिंग लिंग के रक्त प्रवाह को कम कर इरेक्शन का जोखिम पैदा कर सकता है।
  • पुरुष नसबंदी से स्तंभन दोष नहीं होता लेकिन यह मनोवैज्ञानिक ढंग से नपुंसकता का कारण हो सकता है।
  • हार्मोन की कमी से इरेक्शन पर असर पड़ सकता है।

जापानी तेल के घटक Ingredients of Japani Oil

Each 5 ml of Japani Tail contain

  • अकरकरा Akarkara Pellitory Root Anacyclus pyrethrum 50 mg
  • संखिया Malla / Sankhia Arsenic Arsenicum 25 mg
  • ज्योतिष्मति Malkangni Staff Tree Oil Celastrus paniculatus Wild 12.5 mg
  • केशर Kesar / Zafran Saffron Crocus sativus 25 mg
  • हरताल Harttal Orpiment Auripigmentum 62.5 mg
  • ओलिव आयल Jaitoon Oil Olive Oil Olea europaea Q.S.
  • लौंग का तेल Laung Clove Oil Syzygium aromaticum 50 mg
  • तिल का तेल Tilli oil Sesame Oil Sesamum indicum Q.S.

अकरकरा, जिसका बोटानिकल नाम एनासाइक्लस पायरेथम Anacyclus pyrethrum है, वह उत्तरी अफ्रीका, अलजीरिया और अरब में पायी जाने वाली वनस्पति है। भारत में उत्पन्न एक अन्य वनस्पति स्पाईलेंथस पेनीकुलेटा Spilanthes paniculata को देसी अकरकरा कहते है। अकरकरा एक औषधीय वनस्पति है। यह काम शक्ति को बढ़ाने और वाजीकारक की तरह, आंतरिक और बाहरी, दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से इसका लेप (तिला के रूप में) और आंतरिक रूप से इसे चूर्ण की तरह प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन उत्तेजना लाता है और इन्द्रिय को अधिक खून की सप्लाई करता है।

क्लव आयल (साइज़ीगियम एरेमेटिकम) या लौंग का तेल, प्रभावित स्थान पर लगाने से हिस्सा सुन्न हो जाता है और दर्द दूर होता है। लौंग के तेल का दांतों के दर्द में भी इसी कारण से प्रयोग किया जाता है। यह लिडोकेन Lidocaine के लिए एक प्राकृतिक विकल्प के रूप में निर्धारित किया गया है।

इसका बेस तेल तिल का तेल है। तिल का तेल, भारी, संकोचक और स्वाभाव से गर्म है। मालिश करने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है।

तिल के तेल को मालिश के तेल बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह शरीर में वात को कम करता है। इससे मालिश करने से गर्मी आती है।

जापानी तेल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Japani Oil

इसमें ज्योतिष्मती है। ज्योतिष्मती पेनिस (शिश्न) की संवहनी चिकनी मांसपेशियों को आराम देती है, जिससे वासोडिलेशन होता है और परिणामस्वरूप पेनिस खड़ा होता है। यह रूबेफिएन्ट के रूप में भी कार्य करता है, जो पुरुष यौन अंग के संवेदनशील तंत्र को उत्तेजित करता है। लताकस्तूरी एक कामोत्तेजक एजेंट है जो यौन इच्छा को बढ़ाता है और साथ ही पेनिस में आए इरेक्शन को बरकरार रखने में सहयोग करता है।

  • यह पेनिस की कमजोरी में फायदेमंद हो सकती है।
  • यह आयुर्वेदिक है और इसका कोई गंभीर साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
  • इससे मालिश करने से लिंग की नसें उत्तेजित होती हैं।
  • इससे पुरुष यौन अंग में रक्त प्रवाह बढ़ता है, और अधिक देर तक संभोग करने में भी मदद मिलती है।
  • इसे पुरुष यौन अंग पर लगाने से पेनिस में अच्छा कड़ापन आता है।

जापानी तेल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Japani Oil

जापानी तेल का इस्तेमाल अच्छे इरेक्शन के लिए किया जाता है। इसे बाहरी रूप से लगाया जाता है।

इसको लगाने से वैसोडायलेटेशन (dilatation of blood vessels, which decreases blood pressure) होता है, जिससे ब्लड वेसेल फैल जाते हैं और रक्त का प्रवाह अच्छा होता है। रक्त प्रवाह अच्छा होने से लिंग सख्त और कड़ा होता है। यह पेनिस को मॉइस्चराइजिंग असर भी देता है। इसको लगाने से मसल्स रिलैक्स होते है। यह मांसपेशियों को आराम देता है और सूजन दूर करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं।

इरेक्शन करने के लिए जीवनशैली में बदलाव

  • सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखें। हृदय रोग की सम्भावना कम करें।
  • ताजे फल और सब्जियों, साबुत अनाज, और फाइबर खाएं। संतृप्त वसा और सोडियम में कम बहुत कम खाएं। चूंकि स्तंभन दोष अक्सर परिसंचरण की समस्याओं से संबंधित होता है, हृदय को लाभ देने वाले आहार विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं।
  • नियमित व्यायाम कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है।
  • शराब और धूम्रपान छोड़ना जरूरी है।
  • यौन सक्रिय रहने से नपुंसकता को रोकने में मदद मिल सकती है। बार बार होने वाले इरेक्शन से खून का पेनिस में दौरा ठीक रहता है।
  • Kegel व्यायाम करें। यह उन पुरुषों के लिए सहायक भी हो सकता है जिनके स्तंभन दोष विकृत रक्त परिसंचरण के कारण होता है।
  • यदि दवाएं नपुंसकता पैदा कर रही हैं, तो रोगी और चिकित्सक को विकल्पों या कम मात्रा में होने वाले खुराकों पर चर्चा करनी चाहिए।

जापानी तेल का उपयोग कैसे करें How to Use Japani Oil in Hindi

  • जापानी तेल को 5-7 ड्राप की मात्रा में लेना और लिंग पर लगा कर मालिश करें।
  • अधिकतम प्रभाव के लिए पूरी तरह से मालिश करें।
  • धीरे-धीरे 5 मिनट के लिए मालिश करें। ऐसा दिन में दो बार करें या चिकित्सक द्वारा निर्देशित तरीके से करें।
  • अच्छे परिणाम के लिए इसे तुरंत नहीं धोएं।
  • इसे ग्लांस पेनिस पर न लगायें।
  • इसे ठंडी सूखी जगह पर रखें।
  • सेक्स से पहले पेनिस धो लें।
  • इसे खिड़की के पास, बाथरूम में, सिंक के पास आदि गीली और नम जगहों पर न रखें।
  • इसका इस्तेमाल 2 सप्ताह या अधिक तक करके देखें।

यह निम्न पुरुषों के लिए फायदेमंद हो सकता है:

  • 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुष
  • 3 महीने की अवधि में इरेक्शन पाने या बनाए रखने में 50% या अधिक विफलता की दर
  • 2 सप्ताह पहले रात में इरेक्शन
  • 2 सप्ताह पहले पूरा सम्भोग किया हो
  • इरेक्शन नहीं आने का कोई शारीरिक कारण नहीं है।

यह निम्न पुरुषों के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता:

  • पेनिस में शारीरिक विकृतियां
  • प्रोस्टेट ग्रंथि को निकाला गया है
  • रीढ़ की हड्डी की चोट
  • अस्थिर एनजाइना पेक्टोरिस
  • मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन
  • उच्च रक्तचाप
  • अनियंत्रित मधुमेह
  • हार्मोनल उपचार, एंटीडिप्रेसंट वाले पुरुष
  • एंटीसाइकोटिक या अन्य साइकोएक्टिव ड्रग्स लेने वाले पुरुष आदि।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • यह तेल केवल बाहरी प्रयोग के लिए है।
  • इसका कोई साइड इफ़ेक्ट ज्ञात नहीं है।
  • इस तेल को छिले, घाव, फोड़े आदि होने पर प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • इसका प्रयोग सेक्स के दौरान स्नेहक के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • इसमें मल्ल या आर्सेनिक है जो एक जहरीला रासायनिक पदार्थ है। इसलिए दवा के इस्तेमाल के बाद हाथों को अच्छे से धो लें।
  • बच्चों के पहुँच से बाहर रखें।
  • इस तेल का कोई भी ज्ञात पक्ष साइड इफ़ेक्ट नहीं है हालांकि इसमें संखिया और हरताल होने के कारण 10 से अधिक बोतलों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • ज़रूरत हो तो डॉक्टर से राय लें।

टाइगर किंग प्लस क्रीम Tiger King Plus Cream Uses, Benefits, Side Effects, Dosages, Warnings in Hindi

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नमन इंडिया टाइगर किंग क्रीम एक आयुर्वेदिक क्रीम है जिसे इरेक्शन के टाइम को बढ़ाने के लिए पुरुषों के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक क्रीम है जिसे केवल बाह्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसे लगाने से पेनिस की सेंसिटिविटी कम हो जाती है जिससे पेनिस कुछ अधिक समय तक इरेक्ट रहता है और एजाकुलेशन देर से होता है। दवा में इस्तेमाल किए गए किसी भी द्रव्य के कारण यदि एलर्जी होती हो तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Tiger King Cream (Naman India) is Herbal Ayurvedic medicine. It helps to delay ejaculation by decreasing sensitivity and helps in prolonged and enhanced erection. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and uses in Hindi language.

  • दवा का नाम: टाइगर किंग प्लस क्रीम Tiger King Cream
  • निर्माता: Naman India
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: Penis Enlargement Delay Cream For Men
  • मुख्य गुण: पेनिस की सेंस्टिविटी कम करना
  • मूल्य tiger king price MRP: Naman India Tiger King Cream 4 gram @ MRP INR 390

टाइगर किंग प्लस क्रीम के घटक Ingredients of Tiger King Cream

  • गुड़मार Gymnema sylvestre 0.2 mg
  • अकरकरा Anacyclus pyrethrum 0.3 mg
  • पिप्पली Piper longum 0,4 mg
  • हेनबेन / हायोसायमस नाइजरHyoscyamus niger 0.5 mg
  • तिल तेल Sesmum indicum Oil QS
  • बी वैक्स Bee wax QS
  • Britannia QS

टाइगर किंग प्लस क्रीम के चिकित्सीय उपयोग Uses of Tiger King Cream

  • इसका इस्तेमाल देर तक इरेक्शन पाने के लिए किया जाता है। इसे बाहरी रूप से लगाया जाता है।
  • इसे क्रीम को लगाने से पेनिस की सेंस्टिविटी कम हो जाती है जिससे शीघ्रपतन रोक पाने में मदद हो सकती है।

जेल का उपयोग कैसे करें How to Use

  • सही प्रयोग विधि के लिए उत्पाद के पर्चे को ध्यान से पढ़ लें।
  • इस जेल की पर्याप्त मात्रा पेनिस पर लगाते है।
  • अधिकतम प्रभाव के लिए पूरी तरह से एक पतली परत को पेनिस पर लगाएं और अवशोषण की प्रतीक्षा करें।
  • इसे सेक्स से 5-10 मिनट पहले लगाएं।
  • इसे ठंडी सूखी जगह पर रखें।
  • इसे खिड़की के पास, बाथरूम में, सिंक के पास आदि गीली और नम जगहों पर न रखें।
  • इसका इस्तेमाल 2 सप्ताह या अधिक तक करके देखें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • यह क्रीम केवल बाहरी प्रयोग के लिए है।
  • इस क्रीम को छिले, घाव, फोड़े आदि होने पर प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • इसका प्रयोग सेक्स के दौरान स्नेहक के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • बच्चों के पहुँच से बाहर रखें।
  • इस क्रीम का कोई भी ज्ञात पक्ष साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
  • ज़रूरत हो तो डॉक्टर से राय लें।

जापानी –एम कैप्सूल Japani -M Uses, Benefits, Side Effects, Dosages, Warnings in Hindi

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जापानी एम कैप्सूल Japani M in Hindi, पुरुषों के लिए एक आयुर्वेदिक वाजीकारक है। जापानी एम में M, Males के लिए है। इसी तरह एक और दवा जापानी एफ है, f = female जो महिलाओं के लिए है।

जापानी M एक बलवर्धक, जोशवर्धक, ओजवर्धक टॉनिक है। यह मुख्य रूप से यौन दुर्बलता या शक्ति को बढ़ाने के लिए पुरुषों के द्वारा लिया जा सकता है। यह प्रजनन अंगों को ताकत दे और टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ा यौन शक्ति को बढ़ाता है। इसमें शिलाजीत, सफेद मूसली के अतिरिक्त अन्य वाजीकारक औषधियां अकरकरा, अश्वगंधा,शतावरआदि हैं।

जापानी M कैप्सूल, के एक या दो कैप्सूल को दूध या पानी के दिन में दो बार लिया जा सकता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

हमें यह जानकारी नहीं है कि क्या इस दवा के स्वास्थ्य प्रभाव के लिए कोई टेस्ट किए गए हैं या नहीं।

Japani M (Chatarbhuj Pharmaceuticals) is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is used for vitality, virility, and for improving strength and stamina. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: जापानी एम कैप्सूल Japani M, जपानी कैप्सूल आदमियों के लिए
  • निर्माता: Chatarbhuj Pharmaceuticals
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार हर्ब और शुद्ध पारद-शुद्ध गंधक युक्त दवाई
  • मुख्य उपयोग: Japani m 10 Capsule used for virility, vitality, pleasure, strength पुरुषों के लिए टॉनिक
  • मुख्य गुण: एंटीऑक्सीडेंट, रसायन, टॉनिक
  • दवा का अनुपान: दूध
  • मूल्य MRP: एमआरपी INR 297

जापानी एम कैप्सूल के घटक Ingredients of Japani M

Each 500 mg capsule contains

  • शिलाजीत Shilajeet extract 75 mg
  • केशर Saffron 2.5 mg
  • असगंध Ashwagandha 75 mg
  • केवांच Kaunch beej 50 mg
  • अकरकरा Akarkara 20 mg
  • शतावर Shatavari 50 mg
  • वंग भस्म Vang bhasma 5 mg
  • विधारा Vidhara 50 mg
  • मुस्ली Safed Musli 50 mg
  • जावित्री Javitri 10 mg
  • मन मथ रस Manmathabhra Ras 30 mg
  • अभ्रक भस्म Abhrak Bhasm 10 mg
  • स्वर्ण वंग Swarna Bang 7.5 mg
  • जायफल Jaiphal 10 mg
  • रस सिन्दूर Ras Sindoor 10 mg
  • मकरध्वज Makardhwaj 10 mg
  • पुष्पधन्वा रस Pushpadhanwa Ras 30 mg
  • कपूर Kapoor 5 mg
  • Excipients Q.S.

जानिए जापानी – एम कैप्सूल की मुख्य जड़ी-बूटियों को

पुष्पधन्वा रस

पुष्पधन्वा रस आयुर्वेदिक का एक रस रसायन है। यह एक क्लासिकल आयुर्वेदिक दवा है जिसका वर्णन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है। यह दवा कामोत्तेजक, कायाकल्प और शुक्राणुकारक दवा का उत्कृष्ट संयोजन है तथा सभी तरह की कामुकता और प्रजनन संबंधी विकारों के लिए बहुत उपयोगी है। पुष्पधन्वा रस यौन विकारों के उपचार में प्रयोग की जाती है। यह बांझपन, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि पुरुषो रोगों में लाभप्रद है। यह कामेच्छा बढ़ाने के लिए अच्छी दवा है,

मकरध्वज

मकरध्वज (Makardhwaj) नपुंसकता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक इनोर्गानिक पदार्थ है तथा सल्फाइड ऑफ़ मरकरी और गोल्ड का कॉम्बिनेशन है। मकरध्वज को सोने, पारद और गंधक को एक निश्चित अनुपात में, आयुर्वेद में बताये गए तरीकों से बनाया जाता है। मकरध्वज का सेवन शरीर, दिल, और दिमाग को ताकत देता है।

मूसली

मूसली को वियाग्रा का विकल्प कहा जा सकता है। मुस्ली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

जायफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। जायफल और जावित्री दोनों एक ही बीज से प्राप्त होते हैं। जायफल की बाहरी खोल outer covering या एरिल को जावित्री Mace कहते है और इसे भी मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। भारत में जायफल के वृक्ष तमिलनाडु में और कुछ संख्या में केरल, आंध्र प्रदेश, निलगिरी की पहाड़ियों में पाए जाते है।

जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

वंग भस्म

वंग भस्म का मुख्य प्रभाव मूत्र अंगों और जननांगों पर होता है। इसे पुरुषों और स्त्रियों के प्रजनन अंगों सम्बंधित रोगों में प्रयोग किया जाता है। यह पुरुष की इन्द्रिय को ताकत देती है, शुक्र धारण में सहयोग करती है, वीर्य को गाढ़ा करती है तथा नामर्दी, शीघ्रपतन, पेशाब के साथ शुक्र जाना, स्वप्न में स्खलन, हस्तमैथुन आदि में रोगों को नष्ट करती है। इसे आयुर्वेद में शुक्रक्षय, स्वप्नमेह, शुक्र स्खलन, नपुंसकता की सर्वोत्तम औषधि माना गया है।

शिलाजीत

शिलाजीत प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों, शरीर में दर्द और मधुमेह में राहत देता है। इसके सेवन शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति देता है। शिलाजीत को हजारों साल से लगभग हर बीमारी के उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में यह कहा गया है की कोई भी ऐसा साध्य रोग नहीं है जो की शिलाजतु के प्रयोग से नियंत्रित या ठीक नहीं किया जा सकता। शिलाजीत प्रमेह रोगों की उत्तम दवा है।

रसायन गुणों के कारण शिलाजीत कैप्सूल शरीर के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सही करने वाली दवा है। इसके सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली पर उत्तेजक प्रभाव पड़ता है, रोगों से बचाव होता है व शरीर के अंगों के सही काम करने में सहयोग होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीएजिंग, एंटीडायबिटिक, प्रमेहनाशक, वाजीकारक, एंटीअल्सर, जोशवर्धक, बलवर्धक गुणों के साथ ही अन्य बहुत से गुण हैं।

शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में औषधीय प्रयोजन के लिए शिलाजीत को शुद्ध करके प्रयोग किया जाता है। यह एक adaptogen है और एक प्रमुख आयुर्वेदिक कायाकल्प टॉनिक है। यह पाचन और आत्मसात में सुधार करता है। आयुर्वेद में, इसे हर रोग के इलाज में सक्षम माना जाता है। इसमें अत्यधिक सघन खनिज और अमीनो एसिड है।

शिलाजीत पुरुषों के लिए विशेष लाभप्रद है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के वृषण और एड्रेनल ग्लैंड से स्रावित होने वाला एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन है। यह प्रमुख पुरुष हॉर्मोन है जो की एनाबोलिक स्टीरॉएड है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में उनके प्रजनन अंगों के सही से काम करने और पुरुष लक्षणों जैसे की मूंछ-दाढ़ी, आवाज़ का भारीपन, ताकत आदि के लिए जिम्मेदार है। यह पुरुष के शरीर में बालों का डिस्ट्रीब्यूशन, बोन मॉस, मसल्स मास, फैट का डिस्ट्रीब्यूशन, आवाज़, समेत सेक्स ड्राइव, और स्पर्म के बनने का भी कारण है।

यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है तो यौन प्रदर्शन पर सीधे असर पड़ता है, जैसे की इंद्री में शिथिलता, कामेच्छा की कमी, चिडचिडापन, सेक्स में अरुचि, नपुंसकता, प्रजनन क्षमता की कमी आदि।

क्योंकि शिलाजीत कैप्सूल का सेवन टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता है और इसलिए यह यौन प्रदर्शन को सुधारने में भी लाभप्रद है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा को असगंध, आसंध और विथानिया, विंटर चेरी आदि नामों से जाना जाता है। इसकी जड़ को सुखा, पाउडर बना आयुर्वेद में वात-कफ शामक, बलवर्धक रसायन की तरह प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक दवा है। यह शरीर को बल देती है। असगंध तिक्त-कषाय, गुण में लघु, और मधुर विपाक है। यह एक उष्ण वीर्य औषधि है। यह वात-कफ शामक, अवसादक, मूत्रल, और रसायन है जो की स्पर्म काउंट को बढ़ाती है।

  • अश्वगंधा जड़ी बूटी पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है।
  • यह पुरुषों में जननांग के विकारों के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है।
  • यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है।
  • यह शुक्र धातु की कमी, उच्च रक्तचाप, मूर्छा भ्रम, अनिद्रा, श्वास रोगों, को दूर करने वाली उत्तम वाजीकारक औषधि है।

आकारकरभ

आकारकरभ, अकरकरा, करकरा आदि एनासाइक्लस पायरेथम के संस्कृत नाम हैं। इसका अरेबिक नाम आकिरकिर्हा, ऊदुलकई और फ़ारसी में तर्खून कोही है। इंग्लिश में इसे पाइरेथ्रम रूट, पेलेटरी रूट, स्पेनिश पेलिटरी Pellitory Root आदि नामों से जानते हैं। अकरकरा में मूत्रल, वाजीकारक, बुद्धिवर्धक, कफनाशक, उत्तेजक और पित्तवर्धक गुण पाए जाते हैं। यह काम शक्ति को बढ़ाने और वाजीकारक की तरह, आंतरिक और बाहरी, दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से इसका लेप (तिला के रूप में) और आंतरिक रूप से इसे चूर्ण की तरह प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन उत्तेजना लाता है और इन्द्रिय को अधिक खून की सप्लाई करता है।

जापानी – एम कैप्सूल कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।

जापानी एम कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Japani M

  • यह दवा आयुर्वेद के प्रमुख वाजीकारक, बलवर्धक, जोशवर्धक और जीवनीय द्रव्यों से निर्मित हैं।
  • यह दवा शक्तिवर्धक, जोश वर्धक, और वाजीकारक औषधि है।
  • इसके सेवन से प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है और यौन दुर्बलता दूर होती है।
  • यह स्पर्म काउंट को बढाता है और इरेक्शन में भी मदद करता है।
  • शरीर में यदि कमजोरी है तो सेक्स परफॉरमेंस भी कमजोर होगा। मूसली, अश्वगंधा, कौंच,अकरकरा, आदि जैसे द्रव्य प्रजनन अंगों को पुष्ट करते हैं और वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करते हैं। शुक्राणुओं के संख्या में इसके सेवन से वृद्धि संभव है।
  • इसके सेवन से स्तम्भन दोष जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी कहते हैं, में भी लाभ हो सकता है। यह उत्तम वाजीकारक हैं और कामेच्छा शक्ति को बढ़ाता है।
  • यदि आप का वज़न कम हैं तो इसे दवा का सेवन पाचन के अनुसार कुछ समय तक दूध के साथ दिन में दो बार करके देखें। अगर आपका पाचन कमजोर है तो अधिक मात्रा में सेवन न करें, इससे दस्त हो सकते हैं।

जापानी एम कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Japani M

आयुर्वेद की मुख्य ८ शाखाएं हैं, इनमें से वाज़ीकरण यौन-क्रियायों की विद्या तथा प्रजनन Sexology and reproductive medicine चिकित्सा से सम्बंधित है। वाज़ीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियाँ और खनिजों का प्रयोग किया जाता है जो की सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही करती हैं और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किये जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, केशर आंवला, केवांच, शिलाजीत, मकरध्वज, विधारा, मूसली, आदि।

  • यह कामोत्तेजक होती है, स्नायु, मांसपेशियों की दुर्बलता, को दूर करती है तथा धातु वर्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा बलवर्धक होती हैं।
  • बल और ताकत की कमी low strength-stamina
  • समय से पहले बाल गिरना premature hair fall
  • मांसपेशियों में कमजोरी muscles weakness
  • थकावट, स्टैमिना कम होना fatigue
  • वीर्य और शुक्र की कमी low semen volume, low sperm count
  • पुरुष बाँझपन male infertility
  • शरीर पर चर्बी की कमी, बहुत पतला होना emaciation
  • सेक्सुअल टॉनिक sexual tonic
  • शुक्र कीटों को बढ़ाना increasing Sperm Count
  • वाजीकरण improving Sexual Desire
  • लिबिडो कम होना कामेच्छा की कमी Low Libido
  • यौन दुर्बलता Male Sexual Weakness
  • स्वप्नदोष Nocturnal Emission (Night Fall)
  • शीघ्रपतन Premature Ejaculation
  • स्तम्भन दोष Erectile Dysfunction

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Japani M

  • 1-2 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

जापानी एम कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।
  • शिलाजीत के सेवन के समय विदाही (जलन करने वाले भोजन) और भारी भोजन नहीं करना चाहिए।
  • कुल्थी का सेवन भी नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के कुछ व्याख्याकार ने तो यहाँ तक कहा है जो लोग शिलाजीत का सेवन कर रहे हो उन्हें एक वर्ष तक कुलथी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • शिलाजीत उन लोगों को नहीं लेना चाहिए जिनका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है। जिनमें यूरिक एसिड की पथरी हो, गठिया हो उन्हें भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • शिलाजीत को अधिक पित्त में भी इसका सेवन सावधानी से किया जाना चाहिए।

जापानी एम कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

जापानी एम कैप्सूल को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे खाने से यदि भूख न लगे, पेट खराब हो तो डोज़ को कम करें। यदि लक्षण न जाएँ तो इसे न लें।
  • इसमें मकरध्वज है जो की पारद और गंधक के कंपाउंड से बनता है और जिसे लम्बे समय तक नहीं लिया जाना चाहिए।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • मोटापा, हृदय रोग, कफ, और स्रोतों इ रुकावट में इसका सेवन नहीं करें।

रेक्स दिमागी ब्रेन टॉनिक Rex Remedy Dimaghi Uses, Benefits, Dosage, Warnings in Hindi

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रेक्स रेमेडी का दिमागी एक हर्बल ब्रेन टॉनिक है। जैसा की नाम से ही पता चलता है, यह दवा दिमाग के  के लिए है। यह टॉनिक जड़ी-बूटियों से तैयार है और शरीर की शक्ति और मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाती है। दिमाग़ी सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। यह स्वादिष्ट, ऊर्जा और विटामिन से भरा है।

यह हर्बल टॉनिक मेडिसिन है जिसे खाने से दिमाग तेज होता है। यह मानसिक काम करने वाले लोगों जैसे शिक्षक, छात्र, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, आदि के लिए उपयोगी है। यह दिमाग की थकान और आलस को कम करने में मदद करता है। यह हृदय और मस्तिष्क की फिटनेस बनाए रखने में मददगार है। यह सिरदर्द, नींद आना, याददाश कमजोर होना आदि में फायदेमंद है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Rex Remedy Dimaghi Herbal medicine. Rex Dimaghi is very useful brain tonic for those who do mental work and physical labor like teachers, students, engineers, doctors, lawyers, sports person etc. It helps in reducing tiredness and laziness after mental or physical work. It has refreshing and soothing effect on heart and brain. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: Rex (U&A) Remedies Pvt. Ltd.
  • निर्माता: Rex Remedy
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल यूनाई दवाई
  • मुख्य उपयोग: दिमाग की पॉवर बढ़ाना
  • मुख्य गुण: मेद्य रसायन
  • मूल्य MRP: REX DIMAGHI BRAIN TONIC 400 GM @ Rs. 160

रेक्स दिमागी के घटक Ingredients of Rex Remedy Dimaghi

  • आंवला मुरब्बा Murabba Amla (Emblica Officinalis) 50%
  • ब्राह्मी Brahmi Booti (Bacopa monniera) 0.5%
  • जड़वार Jadwar (Delphinium Denudarum) 00.3%
  • उड़े सलीब Ude-Saleeb (Paeonia Officinalis) 0.03%
  • मस्तागी रूमी Mastagi Roomi (Pistacia Lentiscus) 0.03%
  • खजूर Khajoor (Phoenix Dactylifera) 12.5%
  • काजू Kaju (Anacardum Occidentalis) 5%
  • बादाम Maghze Badam (Prunus Amygdalus) 6.25%
  • गुलाब अर्क Arq Gulab (Rosa damascene) 0.050%
  • केवड़ा अर्क Arq Kewra (Pendanus tectorius) 0.050%
  • वर्क Warq Nuqra (Silver Foil) 0.050%
  • चीनी Qand Safed (Sugar) 25%
  • सोडियम बेन्जोएट Sodium Benzoate (Preservative) Q.S.

आंवला

आयुर्वेद के अनुसार आंवला का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। यह रसायन कहा जाता है और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही, इसमें खनिज, पॉलीफेनोल, लोहा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल हैं। यह शरीर में जलन, सनसनी, और पित्त संबंधी पाचन संबंधी समस्याएं में फायदे मंद है। यह शरीर में गर्मी को कम करता है और नकसीर फूटना, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और पेट के अल्सर में फायदा करता है।

आंवला मुरब्बा, आंवले से बना हुआ एक मीठा व्यंजन है जिससे आंवले को संरक्षित किया जा सकता है। आंवले का चीनी में प्रसंस्करण, आंवले के गुणों को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है और उन्हें अधिक स्वादिष्ट बनाने में भी मदद करता है। यह व्यापक रूप से भारतीय पारंपरिक और लोक चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। आंवला मुरब्बा, एक टॉनिक के रूप में लिया जा सकता है। यह विटामिन सी का बहुत ही समृद्ध स्रोत है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। सर्दी, बुखार और आवर्ती संक्रमणों को रोकने के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय है। यह शारीरिक और मानसिक कमजोरी में उपयोगी है यह एक मस्तिष्क टॉनिक है जो मेमोरी और आंखों की दृष्टि में सुधार करता है। यह अच्छे पाचन को बढ़ावा देता है और कब्ज को ठीक करता है। यह पेट की अम्लता को संतुलित करता है और अम्लता की समस्याओं से राहत देती है।

ब्राह्मी / बाकोपा मोनोरिए Bacopa monniera

ब्राह्मी स्वाद में कड़वी, गुण में लघु है। स्वभाव से यह शीत है और मधुर विपाक है। वीर्य का अर्थ होता है, वह शक्ति जिससे द्रव्य काम करता है। आचार्यों ने इसे मुख्य रूप से दो ही प्रकार का माना है, उष्ण या शीत। शीत वीर्य औषधि के सेवन से मन प्रसन्न होता है। यह जीवनीय होती हैं। यह स्तम्भनकारक और रक्त तथा पित्त को साफ़ / निर्मल करने वाली होती हैं।

  • रस (taste on tongue): कड़वी, मधुर
  • गुण (Pharmacological Action): लघु
  • वीर्य (Potency): शीत
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • दोष: त्रिदोष संतुलित करना

विपाक का अर्थ है जठराग्नि के संयोग से पाचन के समय उत्पन्न रस। इस प्रकार पदार्थ के पाचन के बाद जो रस बना वह पदार्थ का विपाक है। शरीर के पाचक रस जब पदार्थ से मिलते हैं तो उसमें कई परिवर्तन आते है और पूरी पची अवस्था में जब द्रव्य का सार और मल अलग हो जाते है, और जो रस बनता है, वही रस उसका विपाक है। मधुर विपाक, भारी, मल-मूत्र को साफ़ करने वाला होता है। यह कफ या चिकनाई का पोषक है। शरीर में शुक्र धातु, जिसमें पुरुष का वीर्य और स्त्री का आर्तव आता को बढ़ाता है। इसके सेवन से शरीर में निर्माण होते हैं।

ब्राह्मी विशेष रूप से दिमाग के लिए फायदेमंद है। यह एक नर्वस टॉनिक, शामक, कायाकल्प, एंटीकनवेल्सेट और सूजन दूर करने वाली औषध है। आयुर्वेद में, ब्राह्मी को भावनात्मक तनाव, मानसिक थकान, स्मृति का नुकसान, और वात विकार को कम करने के लिए दिया जाता है। यह मस्तिष्क के कार्यों, स्मृति और सीखने को बढ़ावा देती है यह मिर्गी, दौरे, क्रोध, चिंता और उन्माद में लाभप्रद है।

बादाम, काजू और खजूर से ड्राई फ्रूट्स शरीर और दिमाग के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। इनमें वसा, प्रोटीन, बी विटामिन और मिनरल्स (मुख्यतः आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम) होते हैं।

सोडियम बेंजोएट

सोडियम बेंजोएट का रासायनिक सूत्र NaC7H5O2 है । इसे E211 से दिखाते हैं और यह एक व्यापक रूप से इस्तेमाल खाद्य परिरक्षक है। यह बेंज़ोइक एसिड का सोडियम नमक है। यह benzoic एसिड के साथ सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्रतिक्रिया द्वारा उत्पादित किया जा सकता है । सोडियम बेंजोएट, भोज्य पदार्थ में कवक नही पैदा होने देता। यह कवक से आक्रमण से खाद्य पदार्थों की रक्षा करता है। कवक या फंगस के कारण भोजन खराब हो जाता है।

सोडियम बेंजोएट के सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं, संक्रमण, श्वसन पथ की बीमारी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, लसीका तंत्र के विकार, हेमटोलोगिक रोग, पोषण विकार और उल्टी।

अपने चिकित्सक से सोडियम बेंजोएट के बारे में बात करें, खासकर यदि आप बहुत से खाद्य पदार्थों और पेय का उपभोग करते हैं जिसमें सोडियम बेंजोएट डाला गया है।

रेक्स दिमागी के लाभ/फ़ायदे Benefits of Rex Remedy Dimaghi

  • यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो मानसिक कार्य और शारीरिक श्रम करते हैं।
  • यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है।
  • यह थकान और आलस को दूर करता है।
  • यह स्मृति शक्ति की कमी और एकाग्रता की कमी में लाभप्रद है।
  • यह शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में मददगार है।
  • यह हृदय, मस्तिष्क और नसों को पुनर्जीवित करता है।
  • यह सिरदर्द, नींद नहीं आना, और दृष्टि की कमजोरी में भी फायदेमंद है।
  • इसका प्रयोग शरीर में ठंडक देता है।
  • यह नेत्रों के लिए हितकर है।
  • यह प्राकृतिक है और किसी के भी द्वारा इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है।
  • यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करती है और त्रिदोषनाशक है।

रेक्स दिमागी के चिकित्सीय उपयोग Uses of Rex Remedy Dimaghi

  • अनिद्रा
  • अपस्मार (Epilepsy)
  • अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग Alzimer’s and Parkinson diseases
  • अवसाद, तनाव
  • अस्पष्ट भाषा (Incoherent speech)
  • आसानी से चीजों को भूल जाने की आदत
  • उम्र या तंत्रिका तंत्र nervous system से संबंधित किसी भी अन्य बीमारी के कारण memory loss
  • चिडचिडा स्वाभाव, दौरे एपिलेप्सी epilepsy
  • ज्यादा सपने आना, घबराहट, तनाव, चिंता और अवसाद Stress, anxiety and depression
  • दुर्घटना या चोट के बाद मस्तिष्क संबंधी समस्या
  • पुराने सिरदर्द migraine, नींद से जुड़ी समस्या, अनिद्रा insomnia
  • मस्तिष्क संबंधी बीमारियां Problems related to brain
  • मानस रोग (Mental disorders)
  • मानसिक थकान
  • मानसिक विकार
  • याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए
  • सिर में दर्द
  • स्ट्रेस,चिंता और अवसाद
  • स्मरण शक्ति की कमी
  • स्वर को उत्तम करने के लिए
  • स्वर विकार (Aphasia)
  • हकलाना, तुतलाना

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Rex Remedy Dimaghi

  • 1-2 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • एक दिन में 20 ग्राम ले सकते हैं।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

रेक्स दिमागी के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • यह एक टॉनिक है और इसे लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • रेक्स दिमागी के साइड-इफेक्ट्स Side effects
  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

रेक्स दिमागी को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • इसमें चीनी है इसलिए इसे डायबिटीज में नहीं लें।

दिमागीन Dimagheen (Amu Dawakhana) Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज की दिमागीन Dimagheen in Hindi एक यूनानी मेडिसिन है। जैसा की नाम से ही पता चलता है, यह दवा दिमाग के के लिए है। यह टॉनिक जड़ी-बूटियों से तैयार है और शरीर की शक्ति और मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाती है। दिमागीन सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। यह स्वादिष्ट, ऊर्जा और विटामिन से भरा है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति भी आयुर्वेद की ही तरह बहुत सी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है। यह दवा भी जड़ी बूटियों पर बेस्ड ब्रेन टॉनिक है। यह थकान, आलस्य, तनाव और अवसाद को कम करने के लिए फायदेमंद है।

यह हर्बल टॉनिक मेडिसिन है जिसे खाने से दिमाग तेज होता है। यह मानसिक काम करने वाले लोगों जैसे शिक्षक, छात्र, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, आदि के लिए उपयोगी है। यह दिमाग की थकान और आलस को कम करने में मदद करता है। यह हृदय और मस्तिष्क की फिटनेस बनाए रखने में मददगार है। यह सिरदर्द, नींद आना, याददाश कमजोर होना आदि में फायदेमंद है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Amu Dawakhana Dimagheen is an brain tonic for the working class people as well as students. It improves the memory, helps in reducing tiredness and laziness after mental or physical work. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: Amu Dawakhana Dimagheen
  • निर्माता: Amu Dawakhana
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल यूनाई दवाई
  • मुख्य उपयोग: दिमाग की पॉवर बढ़ाना
  • मुख्य गुण: मेद्य रसायन
  • मूल्य MRP: Dimagheen Brain Tonic 380 gram @ Rs. 154.00

दिमागीन के घटक Ingredients of Dimagheen

प्रत्येक 20 ग्राम या एक डोज़ में

  • आंवला Emblica officinalis (AMLA SABZ) 10 gram
  • संखाहुली SANKHAHOLI Evolvulus alsinoides 100 mg
  • ब्राह्मी बूटी Centella asiatica (BRAHMI BOOTI; MANDOOKAPARNI) 100 mg
  • जड़वार शीरीन Delphinium denudatum (JAD WAR SHIREEN) 10 mg
  • उड़ सलीब Paonia emodii (UOOD SALEEB) 10 mg
  • मस्तगी रूमी Mastagi Roomi (Pistacia Lentiscus) 10 mg
  • अर्क गुलाब Rosa damascena (ARQ GULAB) 0.16 mg
  • अर्क केवड़ा Pandanus odoratissimus (ARQ KEORA) 0.16 mg
  • चीनी और रंग Sugar and colouring qs

आंवला

आयुर्वेद के अनुसार आंवला का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। यह रसायन कहा जाता है और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही, इसमें खनिज, पॉलीफेनोल, लोहा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल हैं। यह शरीर में जलन, सनसनी, और पित्त संबंधी पाचन संबंधी समस्याएं में फायदे मंद है। यह शरीर में गर्मी को कम करता है और नकसीर फूटना, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और पेट के अल्सर में फायदा करता है।

ब्राह्मी

ब्राह्मी स्वाद में कड़वी, गुण में लघु है। स्वभाव से यह शीत है और मधुर विपाक है। वीर्य का अर्थ होता है, वह शक्ति जिससे द्रव्य काम करता है। आचार्यों ने इसे मुख्य रूप से दो ही प्रकार का माना है, उष्ण या शीत। शीत वीर्य औषधि के सेवन से मन प्रसन्न होता है। यह जीवनीय होती हैं। यह स्तम्भनकारक और रक्त तथा पित्त को साफ़ / निर्मल करने वाली होती हैं।

  • रस (taste on tongue): कड़वी, मधुर
  • गुण (Pharmacological Action): लघु
  • वीर्य (Potency): शीत
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • दोष: त्रिदोष संतुलित करना

विपाक का अर्थ है जठराग्नि के संयोग से पाचन के समय उत्पन्न रस। इस प्रकार पदार्थ के पाचन के बाद जो रस बना वह पदार्थ का विपाक है। शरीर के पाचक रस जब पदार्थ से मिलते हैं तो उसमें कई परिवर्तन आते है और पूरी पची अवस्था में जब द्रव्य का सार और मल अलग हो जाते है, और जो रस बनता है, वही रस उसका विपाक है। मधुर विपाक, भारी, मल-मूत्र को साफ़ करने वाला होता है। यह कफ या चिकनाई का पोषक है। शरीर में शुक्र धातु, जिसमें पुरुष का वीर्य और स्त्री का आर्तव आता को बढ़ाता है। इसके सेवन से शरीर में निर्माण होते हैं।

ब्राह्मी विशेष रूप से दिमाग के लिए फायदेमंद है। यह एक नर्वस टॉनिक, शामक, कायाकल्प, एंटीकनवेल्सेट और सूजन दूर करने वाली औषध है। आयुर्वेद में, ब्राह्मी को भावनात्मक तनाव, मानसिक थकान, स्मृति का नुकसान, और वात विकार को कम करने के लिए दिया जाता है। यह मस्तिष्क के कार्यों, स्मृति और सीखने को बढ़ावा देती है यह मिर्गी, दौरे, क्रोध, चिंता और उन्माद में लाभप्रद है।

संखाहुली

  • संखाहुली मानसिक दुर्बलता और मनोभ्रंश को ठीक करने वाली दवाओं में से एक है।
  • यह तंत्रिका तंत्र के विकारों का इलाज करती है। यह चिंता, अवसाद, दर्द, अनिद्रा, मिर्गी और फिट बैठता है में रिलीफ देता है। यह तनाव कम कर देता है। यह घबराहट के कारण पाचन तंत्र में मदद करता है।
  • संखाहुली में रेचक व कामोत्तेजक गुण है। यह प्रजनन प्रणाली को मजबूत कर ता है।
  • यह सबसे सामान्य जड़ी-बूटियों में से एक है जिसे एक सामान्य टॉनिक और पुनर्योजी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

दिमागीन के लाभ/फ़ायदे Benefits of Dimagheen

  • यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो मानसिक कार्य और शारीरिक श्रम करते हैं।
  • यह मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है।
  • यह थकान और आलस को दूर करता है।
  • यह स्मृति शक्ति की कमी और एकाग्रता की कमी में लाभप्रद है।
  • यह शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में मददगार है।
  • यह हृदय, मस्तिष्क और नसों को पुनर्जीवित करता है।
  • यह सिरदर्द, नींद नहीं आना, और दृष्टि की कमजोरी में भी फायदेमंद है।
  • इसका प्रयोग शरीर में ठंडक देता है।
  • यह नेत्रों के लिए हितकर है।
  • यह प्राकृतिक है और किसी के भी द्वारा इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है।
  • यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करती है और त्रिदोषनाशक है।

दिमागीन के चिकित्सीय उपयोग Uses of Dimagheen

यह दवा मेधा को बढ़ाने वाली वनस्पतियों से बनी है। इस दवा में कई खनिज भी है जो इसके प्रभाव और पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव डालते हैं। यह दवा याद्दशत, concentration, और अवसाद आदि में लाभकारी है।

इसका प्रयोग निम्न में फायदेमंद है:-

  • अनिद्रा
  • अपस्मार (Epilepsy)
  • अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग Alzimer’s and Parkinson diseases
  • अवसाद, तनाव
  • अस्पष्ट भाषा (Incoherent speech)
  • आसानी से चीजों को भूल जाने की आदत
  • उम्र या तंत्रिका तंत्र nervous system से संबंधित किसी भी अन्य बीमारी के कारण memory loss
  • चिडचिडा स्वाभाव, दौरे एपिलेप्सी epilepsy
  • ज्यादा सपने आना, घबराहट, तनाव, चिंता और अवसाद Stress, anxiety and depression
  • दुर्घटना या चोट के बाद मस्तिष्क संबंधी समस्या
  • पुराने सिरदर्द migraine, नींद से जुड़ी समस्या, अनिद्रा insomnia
  • मस्तिष्क संबंधी बीमारियां Problems related to brain
  • मानस रोग (Mental disorders)
  • मानसिक थकान
  • मानसिक विकार
  • याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए
  • सिर में दर्द
  • स्ट्रेस,चिंता और अवसाद
  • स्मरण शक्ति की कमी
  • स्वर को उत्तम करने के लिए
  • स्वर विकार (Aphasia)
  • हकलाना, तुतलाना

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Dimagheen

  • 1-2 चम्मच दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • एक दिन में 20 ग्राम ले सकते हैं।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

दिमागीन के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

यह एक टॉनिक है और इसे लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।

दिमागीन के साइड-इफेक्ट्स Side effects

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

दिमागीन को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • इसमें चीनी है इसलिए इसे डायबिटीज में नहीं लें।

स्टे ऑन कैप्सूल Stay-On Power Capsule Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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स्टे ऑन कैप्सूल  Stay-On Capsule  in Hindi अश्वगंधा, सफेद मुस्ली, कौंच, गोखरू, अकरकरा, शतावरी, वंग भस्म, मकरध्वज आदि का एक संयोजन है। इसमें  एण्ड्रोजेनिक, ताकत देने के और कामोत्तेजक गुण हैं।  यह दवा ताकत, शक्ति और पौष्टिकता को बढ़ावा देने में मदद करती है तथा पुरुषों में शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी, वीर्य विकार, कामेच्छा की कमी आदि में लाभप्रद है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Stay-On Capsule is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of erectile dysfunction. It has antioxidant, adaptogenic, anti-stress, energy boosting and tonic properties. It improves energy level, strength, vitality and vigor. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: स्टे ऑन कैप्सूल  Stay-On Capsule
  • निर्माता:  Shree Maruti Herbal
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्ब,मिनरल औ मकरध्वज युक्त दवा
  • मुख्य उपयोग: स्तम्भन दोष, शीघ्र पतन, वीर्य का पतला होना
  • मुख्य गुण: जोश, ताकत बढ़ाना

मूल्य MRP:

10caps @ Rs. 275.00

स्टे ऑन कैप्सूल के घटक Ingredients of  Stay-On Capsule

In Each Capsule of Maruti’s Stay-On (एक पैक पर मिली जानकारी अनुसार) 

  • सफ़ेद मुस्ली Asparagus Adscendens 8%
  • Myri Sucabragnus 8%
  • अश्वगंधा Withania Somnifera 7%
  • इलाइची Cardamonum 5%
  • लवंग Caryophyllus aromaticus 5%
  • कोकिलाक्षा Hygrophila spinosa 5%
  • अतिबला Abutilon Indicum 5%
  • Aulophia Comperstrisswall 4%
  • अभ्रक भस्म Abhrak Bhasma 3%
  • केशर Crocus Sativas 1%
  • जायफल Myristica fragrans 8%
  • अकरकरा Anacyclus pyrethrum  8%
  • सोंठ Zingiber officinale 8%
  • पिप्पली Piper Longum 5%
  • कौंच Mucuna pruriens a 8%
  • शतावरी Asparagus racemosus 5%
  • बला Sida cordifolia 5%
  • वंग भस्म  Bang Bhasma 2%
  • मकरध्वज Makhradhwaj 3%

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

सफ़ेद मूसली

मुसली को हर्बल वियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करती है। मुसली की जड़ों को पुरुषों की यौन कमजोरी दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए एक पोषक टॉनिक के रूप में कार्य करती है। मुसली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

मकरध्वज

मकरध्वज (Makardhwaj) नपुंसकता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक इनोर्गानिक पदार्थ है तथा सल्फाइड ऑफ़ मरकरी और गोल्ड का कॉम्बिनेशन है। मकरध्वज को सोने, पारद और गंधक को एक निश्चित अनुपात में, आयुर्वेद में बताये गए तरीकों से बनाया जाता है। मकरध्वज का सेवन शरीर, दिल, और दिमाग को ताकत देता है।

जायफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। जायफल और जावित्री दोनों एक ही बीज से प्राप्त होते हैं। जायफल की बाहरी खोल outer covering या एरिल को जावित्री Mace कहते है और इसे भी मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है। भारत में जायफल के वृक्ष तमिलनाडु में और कुछ संख्या में केरल, आंध्र प्रदेश, निलगिरी की पहाड़ियों में पाए जाते है।

जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

वंग भस्म

वंग भस्म का मुख्य प्रभाव मूत्र अंगों और जननांगों पर होता है। इसे पुरुषों और स्त्रियों के प्रजनन अंगों सम्बंधित रोगों में प्रयोग किया जाता है। यह पुरुष की इन्द्रिय को ताकत देती है, शुक्र धारण में सहयोग करती है, वीर्य को गाढ़ा करती है तथा नामर्दी, शीघ्रपतन, पेशाब के साथ शुक्र जाना, स्वप्न में स्खलन, हस्तमैथुन आदि में रोगों को नष्ट करती है। इसे आयुर्वेद में शुक्रक्षय, स्वप्नमेह, शुक्र स्खलन, नपुंसकता की सर्वोत्तम औषधि माना गया है।

आकारकरभ

आकारकरभ, अकरकरा, करकरा आदि एनासाइक्लस पायरेथम के संस्कृत नाम हैं। इसका अरेबिक नाम आकिरकिर्हा, ऊदुलकई और फ़ारसी में तर्खून कोही है। इंग्लिश में इसे पाइरेथ्रम रूट, पेलेटरी रूट, स्पेनिश पेलिटरी Pellitory Root आदि नामों से जानते हैं। अकरकरा में मूत्रल, वाजीकारक, बुद्धिवर्धक, कफनाशक, उत्तेजक और पित्तवर्धक गुण पाए जाते हैं। यह काम शक्ति को बढ़ाने और वाजीकारक की तरह, आंतरिक और बाहरी, दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से इसका लेप (तिला के रूप में) और आंतरिक रूप से इसे चूर्ण की तरह प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन उत्तेजना लाता है और इन्द्रिय को अधिक खून की सप्लाई करता है।

स्टे ऑन कैप्सूल के कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।

स्टे ऑन कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of  Stay-On Capsule

  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, मकरध्वज जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।

स्टे ऑन कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of  Stay-On Capsule

  • यौन प्रदर्शन में सुधार
  • अस्थायी / आंशिक / सामयिक या स्थायी स्तंभन दोष को सुधारना
  • संभोग सुख बढ़ाना
  • कामेच्छा बढ़ाना
  • समयपूर्व (जल्दी और अचानक) स्खलन
  • जीवन शक्ति, उत्साह और सहनशक्ति को बढ़ाना
  • शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन
  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of  Stay-On Capsule

  • 1 कैप्सूल नाश्ते से पहले और 1 शाम को खाने से पहले।
  • इसे दूध, के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

स्टे ऑन कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।

स्टे ऑन कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

स्टे ऑन कैप्सूल को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।

भंडारण निर्देश

सूखी जगह में स्टोर करें।

Stay-On Oral Liquid Herbal Drink Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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स्टे-ऑन ओरल लिक्विड Stay On Oral Liquid in Hindi हर्बल ड्रिंक या ऊर्जा पेय जो शरीर में जोश-ऊर्जा को बढ़ावा देता है। यह शरीर द्वारा जल्दी अवशोषित होता है और इसका अंतरंग गतिविधि से करीब आधे घंटे पहले उपभोग करते हैं। यह पुरुषों और महिलाओं के लिए समान रूप से अच्छा काम करता है। यह कामेच्छा और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने का काम करता है। यह आसानी से पचने योग्य है। इसे पीने पर व्यक्ति ऊर्जावान, उत्साह और जीवन शक्ति से परिपूर्ण महसूस करता है। यह महिलाओं के लिए समान रूप से अच्छी तरह से काम करता है, और कामेच्छा को बढ़ाता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Stay on Oral Liquid is Herbal Ayurvedic medicine. It helps to boost libido, energy and performance in bed. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: स्टे-ऑन ओरल लिक्विड Stay On Oral Liquid
  • निर्माता: Shree Maruti Herbal
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवाई
  • मुख्य गुण: वाजीकारक

मूल्य MRP:

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड 1 बोतल 30 ml @ ₹ 199.00

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड के घटक Ingredients of Stay On Oral Liquid

हर 10 ml में वाटर बेस्ड एक्सट्रेक्ट:

  • गोखरू Gokshur 2.5 mg
  • केवांच Kaunch Beej 2.5 mg
  • मुस्ली Safed Musli 2.5 mg
  • अश्वगंधा Ashwagandha 2.5 mg
  • तालमखाना Talimkhana 2.5mg
  • बला Bala 2.5 mg
  • कोकिलाक्षा Kokilaksha 1 mg
  • उटिनगन Utingana 2.5 mg
  • मुंजातक Munjatak 2 mg
  • जिन्सेंग Ginseng 1 mg
  • कस्तूरीलता Kasturilatika 1 mg
  • अकरकरा Akarkarabh 0.2 mg
  • जायफल Jaiphal 0.2 mg
  • जावित्री Jaipatri 0.2 mg
  • काली मिर्च Marich 0.3 mg
  • पिप्पली Pipali 0.3 mg
  • विडंग Vidanga 0.9 mg
  • कुमकुम Kumkuma 0.1 mg
  • शिलाजीत Shilajit 0.1 mg
  • चीनी Sugar 20 mg

जानिए मुख्य जड़ी-बूटियों को

गोखरू

गोखरू आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि है। इस मुख्य रूप से पेशाब रोगों और पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए प्रयोग किया जाता है। गोखरू शीतल, मूत्रशोधक, मूत्रवर्धक, वीर्यवर्धक, और शक्तिवर्धक है। यह पथरी, पुरुषों के प्रमेह, सांस की तकलीफों, शरीर में वायु दोष के कारण होने वाले रोगों, हृदयरोग और प्रजनन अंगों सम्बन्धी रोगों की उत्तम दवा है। यह वाजीकारक है और पुरुषों के यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।

गोखरू का प्रयोग यौन शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी माना गया है। यह नपुंसकता, किडनी/गुर्दे के विकारों, प्रजनन अंगों की कमजोरी-संक्रमण, आदि को दूर करता है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

सफ़ेद मूसली

मुसली को हर्बल वियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करती है। मुसली की जड़ों को पुरुषों की यौन कमजोरी दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए एक पोषक टॉनिक के रूप में कार्य करती है। मुसली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

शिलाजीत

शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में औषधीय प्रयोजन के लिए शिलाजीत को शुद्ध करके प्रयोग किया जाता है। यह एक adaptogen है और एक प्रमुख आयुर्वेदिक कायाकल्प टॉनिक है। यह पाचन और आत्मसात में सुधार करता है। आयुर्वेद में, इसे हर रोग के इलाज में सक्षम माना जाता है। इसमें अत्यधिक सघन खनिज और अमीनो एसिड है।

शिलाजीत प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों, शरीर में दर्द और मधुमेह में राहत देता है। इसके सेवन शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति देता है।

केवांच

कौंच या केवांच बीज Mucuna pruriens की गिरी है। केवांच की गिरी बहुत ही प्रभावशाली हर्बल दवा है तथा इसे हजारों वर्षों से पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है। इसके सेवन से सीरम टेस्टोस्टेरोन, लुटीनाइज़िंग luteinizing हार्मोन, डोपामाइन, एड्रेनालाईन, आदि में सुधार होता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी उचित सुधार करने वाली नेचुरल दवा है। मानसिक तनाव, नसों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल आदि में इसके सेवन से बहुत लाभ होता है।

जातिफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। यह पित्तवर्धक, रुचिकारक, दीपन, अनुलोमन है। जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

अकरकरा

आकारकरभ, अकरकरा, करकरा आदि एनासाइक्लस पायरेथम के संस्कृत नाम हैं। इसका अरेबिक नाम आकिरकिर्हा, ऊदुलकई और फ़ारसी में तर्खून कोही है। इंग्लिश में इसे पाइरेथ्रम रूट, पेलेटरी रूट, स्पेनिश पेलिटरी Pellitory Root आदि नामों से जानते हैं। अकरकरा की जड़ का मुख्य सक्रिय तत्व पेलिटोरिन है अथवा पारेथ्रिन है। यह अकरकरा को तीक्ष्ण और लार बहाने के गुण देता है। यह स्वाद व स्वभाव में कुछ-कुछ काली मिर्च के पिपरिन जैसा है। अकरकरा काम शक्ति को बढ़ाने और वाजीकारक की तरह, आंतरिक और बाहरी, दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से इसका लेप (तिला के रूप में) और आंतरिक रूप से इसे चूर्ण की तरह प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन उत्तेजना लाता है और इन्द्रिय को अधिक खून की सप्लाई करता है।

कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड के लाभ/फ़ायदे Benefits of Stay On Oral Liquid

  • यह पुरुषों और महिलाओं के लिए शक्ति और ताकत बढ़ाने के लिए ओरल पेय है।
  • इसमें अश्वगंधा, गोखरू, लताकस्तुरी, जींसेंग और केसर जैसे ऊर्जा बूस्टर है।
  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, शिलाजीत जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।
  • यह शक्तिवर्धक, जोश वर्धक, और वाजीकारक औषधि है। इसके सेवन से प्रजनन अंगों को ताकत मिलती है और यौन दुर्बलता दूर होती है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के वृषण और एड्रेनल ग्लैंड से स्रावित होने वाला एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन है। यह प्रमुख पुरुष हॉर्मोन है जो की एनाबोलिक स्टीरॉएड है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में उनके प्रजनन अंगों के सही से काम करने और पुरुष लक्षणों जैसे की मूंछ-दाढ़ी, आवाज़ का भारीपन, ताकत आदि के लिए जिम्मेदार है। यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है तो यौन प्रदर्शन पर सीधे असर पड़ता है, जैसे की इंद्री में शिथिलता, कामेच्छा की कमी, चिडचिडापन, आदि। मूसली, अश्वगंधा और गोखरू के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सुधारने में मदद होती है।

आयुर्वेद के रसायन द्रव्य शरीर को ताकत देते हैं और यौवन को बनाये रखने में सहयोगी हैं। यह दवा शरीर और नाड़ियों में ताकत का संचार कर यौन प्रदर्शन को ठीक करती है।

शरीर में यदि कमजोरी है तो सेक्स परफॉरमेंस भी कमजोर होगा। इस कैप्सूल में मूसली, अश्वगंधा, कौंच, आदि जैसे द्रव्य जाते हैं जो प्रजनन अंगों को पुष्ट करते हैं और वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करते हैं।

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड के चिकित्सीय उपयोग Uses of Stay On Oral Liquid

आयुर्वेद की मुख्य 8 शाखाएं हैं, इनमें से वाज़ीकरण यौन-क्रियायों की विद्या तथा प्रजनन Sexology and reproductive medicine चिकित्सा से सम्बंधित है। वाज़ीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियाँ और खनिजों का प्रयोग किया जाता है जो की सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही करती हैं और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किये जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, केवांच, शिलाजीत, आदि। यह द्रव्य कामोत्तेजक है, स्नायु, मांसपेशियों की दुर्बलता, को दूर करने वाले है तथा धातु वर्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा बलवर्धक हैं।

  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour
  • बल और ताकत की कमी low strength-stamina
  • यौन दुर्बलता Male Sexual Weakness
  • लिबिडो कम होना कामेच्छा की कमी Low Libido
  • वाजीकरण improving Sexual Desire
  • वीर्य दोष Semen disorders (too few sperms / oligospermia or no sperms azoospermia or defects in sperm quality)
  • शीघ्रपतन Premature Ejaculation
  • सेक्सुअल टॉनिक sexual tonic
  • स्तम्भन दोष Erectile Dysfunction

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Stay On Oral Liquid

  • इसे बिस्तर में जाने से आधा घंटा पहले पियें। दवा का असर 30 मिनट में होता है। परिणाम व्यक्ति से भिन्न होते हैं।
  • इसके प्रत्येक बोतल में 30 एमएल लिक्विड है जो एक बार की डोज़ है।
  • शेक अनुकूल कंटेनर अच्छी तरह से हिलाएं, ढक्कन खोलें तरल सामग्री की संपूर्ण एकल खुराक को एक घूंट में निगल लें।
  • कृपया सुनिश्चित करें कि आप एक समय में केवल 1 मात्रा का उपभोग करते हैं
  • एक बार खोलने का तुरंत उपयोग करें।
  • इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह हिलायें।

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • परिणाम अनिश्चित हैं और अलग-अलग व्यक्तिओं में भिन्न हो सकते हैं।
  • यह दवा आपके लिए प्रभावी हो भी सकती है और नहीं भी।
  • दवा के साथ-साथ भोजन और व्यायाम पर भी ध्यान दें।
  • पानी ज्यादा मात्रा में पियें।
  • पाचन ठीक करें।
  • दवा के सेवन के दौरान दूध, घी, मक्खन, केला, खजूर आदि वीर्यवर्धक आहारों का सेवन अवश्य करें।
  • जंक फ़ूड न खाएं।
  • तले, भुने, खट्टे, मसालेदार भोजन न खाएं।
  • एक्सरसाइज करें।
  • तनाव कम करें।
  • कब्ज़ में त्रिफला, इसबगोल आदि का सेवन कर सकते हैं। मुनक्का और किशमिश का सेवन भी कब्ज़ में लाभप्रद है।

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।
  • इसके सेवन से वज़न बढ़ सकता है।
  • इसमें शुगर है। इसलिए डायबिटीज हो तो सेवन में सावधानी की ज़रूरत है।

स्टे-ऑन ओरल लिक्विड को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

महाराजा कैप्सूल (कूडोस) Kudos Maharaja Capsules Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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महाराजा कैप्सूल Maharaja Capsules in Hindi जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है जिसमें कामोत्तेजक गुण हैं। इसमें अश्वगंधा, सफेद मुस्ली, काली मुस्ली, कौंच, गोखरू, शतावरी और विदारीकंद जैसे जड़ी-बूटियों हैं जो एण्ड्रोजेनिक गतिविधि व शक्ति और जीवन शक्ति बढ़ाती है। यह सबसे प्रभावी कामोद्दीपक जड़ी बूटियों के संयोजन से बनी दवा है। यह ताकत, शक्ति और पौष्टिकता को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह वाजिकाक दवा केवल पुरुषों के लिए है।

यह दवाई पुरुषों में शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी, वीर्य विकार, कामेच्छा की कमी, शक्ति-जोश-उर्जा की कमी आदि में लाभप्रद है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के वृषण और एड्रेनल ग्लैंड से स्रावित होने वाला एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन है। यह प्रमुख पुरुष हॉर्मोन है जो की एनाबोलिक स्टीरॉएड है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में उनके प्रजनन अंगों के सही से काम करने और पुरुष लक्षणों जैसे की मूंछ-दाढ़ी, आवाज़ का भारीपन, ताकत आदि के लिए जिम्मेदार है। यदि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है तो यौन प्रदर्शन पर सीधे असर पड़ता है, जैसे की इंद्री में शिथिलता, कामेच्छा की कमी, चिडचिडापन, आदि। केवांच, मूसली और गोखरू के सेवन से शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सुधारने में मदद होती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Maharaja Capsules (Kudos) is an herbal Ayurvedic medicine indicated in sexual weakness of men. It contains many well-known and effective ingredients to improve libido and sexual performance. It has antioxidant, adaptogenic, anti-stress, energy boosting and tonic properties. It improves energy level, strength, vitality and vigor. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: महाराजा कैप्सूल Maharaja Capsules
  • निर्माता: कुडोस Kudos Ayurveda
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक
  • मुख्य उपयोग: स्तम्भन दोष, शीघ्र पतन, वीर्य का पतला होना
  • मुख्य गुण: वाजीकारक
  • मूल्य MRP: Kudos Ayurveda Maharaja 30 Capsuleस @ Rs. 490.00

महाराजा कैप्सूल के घटक Ingredients of Maharaja Capsules

500mg contains 100% Vegetarian natural ingredients:

  • अश्वगंधा Ashwagandha Extract 70 mg
  • सफ़ेद मूसली Safed Musli Extract 35 mg
  • काली मुस्ली Kali Musli Curculigo orchioides 35 mg
  • केवांच Kapikachhu Extract 40 mg
  • सेमल की जड़ 60 mg
  • विदारीकन्द Vidarikand Extract 70 mg
  • जातिफल Jatiphala Extract 15 mg
  • कमल 35 mg
  • शतावरी Shatavari Extract 30 mg
  • कलौंजी बीज 10 mg
  • सहजन शिग्रु छाल 40 mg
  • चोपचीनी 20 mg
  • केसर 0.2 mg
  • शिलाजीत Purified Shilajit Extract 25 mg
  • गोखरू Gokshura Extract 60 mg

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

सफ़ेद मूसली

मुसली को हर्बल वियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करती है। मुसली की जड़ों को पुरुषों की यौन कमजोरी दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए एक पोषक टॉनिक के रूप में कार्य करती है। मुसली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

शिलाजीत

शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में औषधीय प्रयोजन के लिए शिलाजीत को शुद्ध करके प्रयोग किया जाता है। यह एक adaptogen है और एक प्रमुख आयुर्वेदिक कायाकल्प टॉनिक है। यह पाचन और आत्मसात में सुधार करता है। आयुर्वेद में, इसे हर रोग के इलाज में सक्षम माना जाता है। इसमें अत्यधिक सघन खनिज और अमीनो एसिड है।

शिलाजीत प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों, शरीर में दर्द और मधुमेह में राहत देता है। इसके सेवन शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति देता है।

केवांच

कौंच या केवांच बीज Mucuna pruriens की गिरी है। केवांच की गिरी बहुत ही प्रभावशाली हर्बल दवा है तथा इसे हजारों वर्षों से पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है। इसके सेवन से सीरम टेस्टोस्टेरोन, लुटीनाइज़िंग luteinizing हार्मोन, डोपामाइन, एड्रेनालाईन, आदि में सुधार होता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी उचित सुधार करने वाली नेचुरल दवा है। मानसिक तनाव, नसों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल आदि में इसके सेवन से बहुत लाभ होता है।

जातिफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। यह पित्तवर्धक, रुचिकारक, दीपन, अनुलोमन है। जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

गोखरू

गोखरू आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि है। इस मुख्य रूप से पेशाब रोगों और पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए प्रयोग किया जाता है। गोखरू शीतल, मूत्रशोधक, मूत्रवर्धक, वीर्यवर्धक, और शक्तिवर्धक है। यह पथरी, पुरुषों के प्रमेह, सांस की तकलीफों, शरीर में वायु दोष के कारण होने वाले रोगों, हृदयरोग और प्रजनन अंगों सम्बन्धी रोगों की उत्तम दवा है। यह वाजीकारक है और पुरुषों के यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।

गोखरू का प्रयोग यौन शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी माना गया है। यह नपुंसकता, किडनी/गुर्दे के विकारों, प्रजनन अंगों की कमजोरी-संक्रमण, आदि को दूर करता है।

कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।

महाराजा कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Maharaja Capsules

  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, विदारीकन्द, शिलाजीत जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।
  • यह वीर्य / शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाती spematogenic है।

महाराजा कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Maharaja Capsules

आयुर्वेद की मुख्य 8 शाखाएं हैं, इनमें से वाज़ीकरण यौन-क्रियायों की विद्या तथा प्रजनन Sexology and reproductive medicine चिकित्सा से सम्बंधित है। वाज़ीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियाँ और खनिजों का प्रयोग किया जाता है जो की सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही करती हैं और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किये जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, केवांच, शिलाजीत, विदारीकन्द आदि। यह द्रव्य कामोत्तेजक है, स्नायु, मांसपेशियों की दुर्बलता, को दूर करने वाले है तथा धातु वर्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा बलवर्धक हैं।

  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour
  • पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
  • यौन कमजोरी के लिए sexual disorders of male
  • लिबिडो कम होना Low Libido
  • वाजीकरण improving Sexual Desire
  • वीर्य दोष Semen disorders (too few sperms / oligospermia or no sperms azoospermia or defects in sperm quality)
  • शारीरिक कमजोरी, स्ट्रेस
  • शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन
  • शुक्र कीटों को बढ़ाना increasing Sperm Count
  • स्तम्भन दोष Erectile Dysfunction
  • स्वप्नदोष Nocturnal Emission (Night Fall)

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Maharaja Capsules

  • 1 कैप्सूल दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

महाराजा कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें। कुलथी का सेवन शिलाजीत के सेवन के दौरान नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है की, कुलथी पथरी की भेदक है।
  • दवा के साथ-साथ भोजन और व्यायाम पर भी ध्यान दें।
  • पानी ज्यादा मात्रा में पियें।

महाराजा कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

महाराजा कैप्सूल को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई आयुर्वेदिक दवाइयां नहीं लें।
  • भंडारण निर्देश
  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

कुडोस वी 1 टेबलेट्स V1 Tablets Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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वी 1 टेबलेट्स V1 Tablets in Hindi कुडोस लैबोरेटरीज इंडिया द्वारा निर्मित है। यह आयुर्वेदिक दवा सेंट्रल कौंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS) द्वारा फोर्मुलेटेड है।  इस औषध के सभी घटक हर्बल होने से यह लम्बे समय तक लेने के लिए सुरक्षित है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

V1 Tablets (Kudos) is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated management of Arthritis, inflammation or any associated problems of arthritis. it has anti-arthritic formulation which can give improvement in pain and stiffness due to arthritis and joint problems. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: वी 1 टेबलेट्स V1 Tablets
  • निर्माता: KUDOS LABORATORIES INDIA
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: वात व्याधियाँ
  • मुख्य गुण: जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करना
  • दोष इफ़ेक्ट: वात और कफ कम करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें
  • मूल्य MRP: Kudos V1 Tablets – 60 tab @ Rs. 300

वी 1 टेबलेट्स के घटक Ingredients of V1 Tablets

Each 700 mg tablet contains:

  • सोंठ Shunthi 335 mg
  • गुग्गुलु Shuddha Guggulu 335 mg
  • Excipients QS

जानिए घटक द्रव्यों को

शुण्ठी या सोंठ

  • अदरक के ताज़े कन्द आद्रकम और सूखे रूप को आयुर्वेद में शुण्ठी या सोंठ कहते हैं। जनवरी-फरवरी के महीने में अदरक को खोद कर जमीन में से निकलते हैं। फिर इन्हें पानी में रात भर भिगोते हैं। इसकी फिर परत उतार कर सुखा लेते हैं।
  • शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।
  • रस (taste on tongue): कटु
  • गुण (Pharmacological Action): लघु, स्निग्ध
  • वीर्य (Potency): उष्ण
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • कर्म: दीपन, पाचन, हृदय, मेध्य, सर्वदोषप्रसामना, रसायन, अनुलोमना
  • दोष: वात और कफ को कम करना और पित्त को बढ़ाना

सोंठ में एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है।

शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। शुण्ठी काशुद्ध गुग्गुलु के साथ सेवन वात या वायु और कफ को कम करता है।

गुग्गुल

गुग्गुल एक पेड़ से प्राप्त गोंद है। यह मुख्य रूप से शरीर से किसी भी प्रकार की सूजन को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में यह आर्थराइटिस, गाउट, रुमेटिस्म, लम्बागो, तथा सूजन को दूर करने में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख औषध है। यह मेदोहर antiobesity है। गुग्गुलु किसी भी वज़न कम करने की दवा का प्रमुख घटक है। यह शरीर से वसा को कम करती है। यह शरीर में कोलेस्ट्रोल के संश्लेषण को कम करती है। यह सीरम ट्राइग्लिसराइड, बुरे कोलेस्ट्रोल, और मेद को कम करती है।यह मेटाबोलिज्म में सुधार करती है और अतिरिक्त वज़न को कम करने में सहायक है।

गुग्गुल को सदियों से आयुर्वेद में विभिन्न बिमारियों के उपचार में इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें प्रमुख है जोड़ों का दर्द, गठिया, मोटापे में एक वजन कम करने के लिए और रक्त वाहिकाओं के सख्त होना आदि। गुग्गुलु में शांतिदायक demulcent, मल को ढीला करनेवाले aperient, रक्त को साफ़ करनेवाले purifier of blood, वसा कम करनेवाले, सूजन घटाने के और कोलेस्ट्रॉल कम करने के गुण होते है।

कुडोस वी 1 टेबलेट्स के प्रधान कर्म

  • कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
  • छेदन: द्रव्य जो श्वास नलिका, फुफ्फुस, कंठ से लगे मलको बलपूर्वक निकाल दे।
  • दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए।
  • पित्तकर: द्रव्य जो पित्त को बढ़ाये।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
  • वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  • वाताघ्न: द्रव्य जो वात को कम करे।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे। antihydropic
  • श्लेष्महर: द्रव्य जो चिपचिपे पदार्थ, कफ को दूर करे।

वी 1 टेबलेट्स के लाभ/फ़ायदे Benefits of V1 Tablets

  • इसके सेवन से जोड़ों के दर्द, सूजन, जकड़न, तथा अन्य लक्षणों में सुधार होता है।
  • वात कम करने के कारण इसे आमवात, पुराना गठिया, गैस, सायटिका, वातव्याधियों में प्रयोग किया जाता है।
  • यह आमदोष को कम करती है।
  • यह एंटीऑक्सीडेंट है।
  • यह पित्त वर्धक है।
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
  • यह वात-कफ को कम करती है।
  • यह हर्बल आयुर्वेदिक दवाई है।

कुडोस वी 1 टेबलेट्स के चिकित्सीय उपयोग Uses of V1 Tablets

  • आम वात गठिया Rheumatoid Arthritis(Amavata)
  • ओस्टोआर्थराइटिस Osteoarthritis
  • घुटनों का दर्द Knee Pain
  • जोड़ों का दर्द Joint Pain
  • जोड़ों के डिसऑर्डर Joint Disorder
  • वात रोग Vata Vyadhi

सेवन विधि और मात्रा Dosage of V1 Tablets

  • 3 गोली, दिन में 3 बार, सुबह, दोपहर और शाम लें।
  • इसे गर्म पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

कुडोस वी 1 टेबलेट्स के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।
  • गुग्गुलु के सेवन के समय खट्टे – तीक्ष्ण पदार्थों और अल्कोहल का सेवन न करें।
  • गुग्गुल को किडनी के रोगों, गर्भाशय से अधिक ब्लीडिंग, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान नहीं लिया जाना चाहिए।
  • एंटीप्लेटलेट दवाओं और उच्च रक्त्चाप की दवाओं के साथ गुग्गुल की दवाओं को लेते समय विशेष सावधानी रखें। यह उच्च रक्तचाप की दवाओं के प्रभाव को कम और एंटीप्लेटलेट दवाओं के असर को बढ़ा सकता है।

वी 1 टेबलेट्स के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

वी 1 टेबलेट्स को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • जिन्हें पेट में सूजन हो gastritis, वे इसका सेवन न करें।
  • शरीर में यदि पहले से पित्त बढ़ा है, रक्त बहने का विकार है bleeding disorder, हाथ-पैर में जलन है, अल्सर है, छाले हैं तो भी इसका सेवन न करें।
  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई आयुर्वेदिक दवाइयां नहीं लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

पतंजलि गिलोय आंवला रस Giloy Amla Juice Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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गिलोय आंवला रस Giloy Amla Juice in Hindi पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित है। इसे आंवले के रस और गिलोय के तने के रस से बनाया गया है।

यह एक हेल्थ सप्लीमेंट की तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे किसी रोग में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, बुखार, क्रोनिक बीमारियों आदि में ले सकते हैं। इसे ऐसे भी स्वास्थ्य को ठीक रखने और रोगों को नहीं होने देने के लिए दैनिक पी सकते हैं।

इसमें गिलोय और आंवले का रस है और दोनों ही आयुर्वेद की रसायन औषधियां है। रसायन औषधियों को लेने का शरीर पर आमतौर पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा जाता।

गिलोय (टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया) आयुर्वेद की बहुत ही मानी हुई औषध है। इसे गुडूची, गुर्च, मधु]पर्णी, टिनोस्पोरा, तंत्रिका, गुडिच आदि नामों से जाना जाता है। यह एक बेल है जो सहारे पर कुंडली मार कर आगे बढती जाती है। इसे इसके गुणों के कारण ही अमृता कहा गया है। यह जीवनीय है और शक्ति की वृद्धि करती है। इसे जीवन्तिका भी कहा जाता है।

दवा के रूप में गिलोय के अंगुली भर की मोटाई के तने का प्रयोग किया जाता है। जो गिलोय नीम के पेड़ पर चढ़ कर बढती है उसे और भी अधिक उत्तम माना जाता है। इसे सुखा कर या ताज़ा ही प्रयोग किया जा सकता है। ताज़ा गिलोय को चबा कर लिया जा सकता है, कूंच कर रात भर पानी में भिगो कर सुबह लिया जा सकता है अथवा इसका काढ़ा बना कर ले सकते है। गिलोय वात-पित्त और कफ का संतुलन करने वाली दवाई है। यह रक्त से दूषित पदार्थो को नष्ट करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एक बहुत ही अच्छी ज्वरघ्न है और वायरस-बैक्टीरिया जनित बुखारों में अत्यंत लाभप्रद है। गिलोय के तने का काढ़ा दिन में तीन बार नियमित रूप से तीन से पांच दिन या आवश्कता हो तो उससे अधिक दिन पर लेने से ज्वर नष्ट होता है। किसी भी प्रकार के बुखार में लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय का सवेन लीवर की रक्षा करता है। यदि रक्त विकार हो, पुराना बुखार हो, यकृत की कमजोरी हो, प्रमेह हो, तो इसका प्रयोग अवश्य करना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार आंवला का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। यह रसायन कहा जाता है और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही, इसमें खनिज, पॉलीफेनोल, लोहा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल हैं। यह शरीर में जलन, सनसनी, और पित्त संबंधी पाचन संबंधी समस्याएं में फायदेमंद है। यह शरीर में गर्मी को कम करता है और नकसीर फूटना, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और पेट के अल्सर में फायदा करता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Giloy Amla Juice (Patanjali) is Herbal Ayurvedic medicine containing Amla Juice and Giloy stem extract as active ingredients. It is indicated in treatment of chronic fever, viral infections, cancer, diabetes, inflammation, immunomodulatory and psychiatric conditions, osteoporosis, arthritis, blood disorders, jaundice, anxiety, respiratory problems, musculo-skeletal disorders etc. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: दिव्य पतंजलि गिलोय आंवला रस Giloy Amla Juice
  • निर्माता: Patanjali Divya Pharmacy
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल हेल्थ सप्लीमेंट
  • मुख्य उपयोग: बुखार, इम्युनिटी बढ़ाना, लीवर फंक्शन ठीक करना, रोगों से बचाव
  • मुख्य गुण: एंटीऑक्सीडेंट, सूजन दूर करना, एंटीबैक्टीरियल
  • दोष इफ़ेक्ट: वात-पित्त-कफ का संतुलन करना
  • मूल्य MRP: 1 Bottle of 500 ml @ Rs. 90.00

गिलोय आंवला रस के घटक Ingredients of Giloy Amla Juice

प्रत्येक 10 मिलीलीटर में Each 10 ml contains

  • गिलोय के तने का जूस Giloy stem juice (Tinospora cordifolia) 5.9 ml
  • आंवला के फल का जूस Amla Fruit juice (Emblicao fficinalis) 4.0 ml
  • पोटैशियम सोर्बेट Potassium Sorbate (Food Grade)
  • सोडियम बेन्जोएट Sodium Benzoate (Food Grade)

सोडियम बेंजोएट क्या है?

सोडियम बेंजोएट का रासायनिक सूत्र NaC7H5O2 है । इसे E211 से दिखाते हैं और यह एक व्यापक रूप से इस्तेमाल खाद्य परिरक्षक है। यह बेंज़ोइक एसिड का सोडियम नमक है। यह benzoic एसिड के साथ सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्रतिक्रिया द्वारा उत्पादित किया जा सकता है । सोडियम बेंजोएट, भोज्य पदार्थ में कवक नही पैदा होने देता। यह कवक से आक्रमण से खाद्य पदार्थों की रक्षा करता है। कवक या फंगस के कारण भोजन खराब हो जाता है।

सोडियम बेंजोएट के सामान्य रूप से रिपोर्ट किए गए साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं, संक्रमण, श्वसन पथ की बीमारी, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की बीमारी, लसीका तंत्र के विकार, हेमटोलोगिक रोग, पोषण विकार और उल्टी।

अपने चिकित्सक से सोडियम बेंजोएट के बारे में बात करें, खासकर यदि आप बहुत से खाद्य पदार्थों और पेय का उपभोग करते हैं जिसमें सोडियम बेंजोएट डाला गया है।

गिलोय आंवला रस के लाभ/फ़ायदे Benefits of Giloy Amla Juice

गिलोय-आंवला जूस, में गिलोय के तने का जूस और आंवले का रस है. इसे दैनिक पीने से दोनों के हो लाभ शरीर क मिलते हैं. नीचे गिलोय और आंवले के रस के लाभ दिए गए है:

गिलोय रस के फायदे Health Benefits of Giloy/Tinospora Juice in Hindi

  • इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो कि डार्क स्पॉट, लाइनों और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं ।
  • गिलोय किसी भी कारण से होने वाले बुखार में लाभप्रद है। यह पुराने बुखार में विशेष रूप से फायदा करती है।
  • यह बार आने वाले आवर्तक बुखार में बहुत लाभप्रद है। यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी कई खतरनाक स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मददगार है।
  • गिलोय में खून को साफ़ करने के गुण है। साथ ही यह लीवर के सही से काम करने में सहयोगी है। इसलिए यह हर प्रकार की त्वचा रोगों में लाभप्रद है। यह एक्ने, पिम्पल, एक्जिमा आदि में फायदा करती है।
  • यह इंसुलिन के उत्पादन में मदद करती है और ग्लूकोज को जलाने की क्षमता बढ़ाती है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है।
  • यह गाउट, गठिया, संधिशोथ के प्रबंधन में सहायक है।
  • यह गैस्ट्रो-आंत्र विकार जैसे अपच, एसिड अपच, गैस्ट्रिटिस आदि के लिए काफी प्रभावी है।
  • यह छाती की जकड़न, सांस की कमी, खाँसी, घरघराहट, आदि में लाभप्रद है।
  • यह पाचन में सुधार लाने और आंत्र संबंधी रोगों का इलाज करने में बहुत फायदेमंद है । आंवले के साथ इसका सेवन कब्ज से राहत देता है।
  • यह मानसिक तनाव को कम करने और चिंता को कम करने में मदद करती है।
  • यह मूत्र रोगों में लाभप्रद है। इसे सभी प्रकार के मूत्र संक्रमणों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह यकृत, गुर्दा और हृदय की रक्षा करने वाली लता है।
  • यह लीवर की रक्षा करने वाली और लीवर रोगों में लाभप्रद औषध है। यह इनफ़ेक्टिव हेपेटाइटिस, स्पलेनोमेगाली में और सिफलिस आदि में लाभप्रद है ।
  • यह विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करती है।
  • यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है। यह शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में सहायता करती है । यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और और शरीर को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाती है।
  • यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने, रक्त को शुद्ध करने, बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
  • यह स्मृति को बढ़ाती है।
  • यह हड्डियों, फेफड़े, आंतों, रक्त विकारों, आंतरायिक बुखार और यकृत के रोगों के संक्रामक रोगों को ठीक करने में मदद करती है।
  • यह हाइपोग्लाइकेमिक है और मधुमेह (विशेषकर टाइप 2 डायबिटीज़) का इलाज करने में मदद करती है। गिलोय का रस ब्लड शुगर के उच्च स्तर को कम करने में मदद करती है।
  • सूजन को कम करने के गुण के कारण इसे श्वसन समस्याओं जैसे कफ, सर्दी, टॉन्सिल, रुमेटी गठिया, गठिया आदि में इस्तेमाल करते हैं।

आंवला रस के फायदे Health Benefits of Amla/ Indian Gooseberry Juice in Hindi

  • इसमें नमकीन के अलावा सभी स्वाद है। यह मुख्य रूप से खट्टा, कड़वा, कसैला है। यह सभी दोष को शांत करता है, लेकिन मुख्यतः पित्त और वात कम करता है।
  • इसमें रेचक गुण हैं और कब्ज में राहत देता है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है।
  • इसके एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर कैंसरजन्य कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
  • इसमें आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन सी हैं जो पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोगी है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स हैं, जिससे यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह कोलेजन उत्पादन उत्तेजक द्वारा त्वचा दृढ़ता पुनर्स्थापित करता है।
  • इससे पीने से शरीर में ठंडक आती है।
  • पित्त को शांत करने और ठंडा करने के गुणों कारण अम्लता में राहत देता है।
  • यह एंटीऑक्सिडेंट है।
  • यह ओज बढ़ा देता है।
  • यह गैस्ट्रिटिस, अपच, अम्लता, पेप्टिक अल्सर, सामान्य दुर्बलता, कब्ज, हाइपरकोलेस्ट्रोलाइमिया, बुखार, हेपेटाइटिस, रक्तस्राव, त्वचा की समस्याएं, मूत्र संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, आंत्र समस्याओं, छाती में संक्रमण और अस्थमा में लाभप्रद है।
  • यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को साफ रखने के द्वारा स्वस्थ आंत्र आंदोलन को सहायता करता है।
  • यह चयापचय को बढ़ाता है, और मोटापे में लाभप्रद है।
  • यह तंत्रिका स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार, एकाग्रता और स्मृति में वृद्धि करता है। यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
  • यह नेत्र स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह आंख की दृष्टि में सुधार करता है। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट आंखों के रेटिना को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं, मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं।
  • यह पाचन तंत्र में सुधार लाने में मदद करता है और संपूर्ण अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।
  • यह बालों और चमड़ी के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकत है।
  • यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।
  • यह रक्त में सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • यह लोहे के अवशोषण में माद करता है।
  • यह शरीर की सप्तधातु में वृद्धि करता है।
  • यह शरीर में गर्मी को कम करता है।
  • यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • यह श्वसन संबंधी विकारों, सर्दी, खाँसी, फ्लू और गले के संक्रमण को कम करने में लाभप्रद है।
  • यह सिर के दर्द, नींद नहीं आना, स्ट्रेस, और अन्य मानसिक समस्याओं में लाभप्रद है।
  • यह स्ट्रेस को कम करता है।
  • यह हड्डियों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • यह हृदय के लिए अच्छा है। यह हृदय को रक्त प्रवाह की रुकावट को रोकता है, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

गिलोय आंवला रस के चिकित्सीय उपयोग Uses of Giloy Amla Juice

  • आर्थराइटिस arthritis
  • इम्युनिटी की कमी Lack of immunity
  • इम्युनोमोडायलेटरी और मनश्चिकित्सीय स्थितियों Immunomodilatory and psychiatric conditions
  • एनीमिया खून की कमी Anemia loss of blood
  • एसिडिटी acidity
  • ऑस्टियोपोरोसिस Osteoporosis
  • कंडू, खुजली, त्वचा समस्याएं Kundu, Itching, Skin Problems
  • कम भूख लगना Less hungry
  • कामला, लीवर के रोग, लीवर फंक्शन ठीक नहीं होना Kamala, liver disease, liver function is not cured
  • कैंसर Cancer
  • खालित्य (गंजापन) Alopecia (baldness)
  • गठिया Arthritis
  • गाउट Gout
  • चिंता anxiety
  • डायबिटीज Diabetes
  • तिमिर Timir
  • त्वचा रोग skin disease
  • नेत्र सम्बंधित सभी रोग Eye related diseases
  • पलित (असमय सफ़ेद होना) Wretched (uneven white)
  • पीलिया jaundice
  • पुराना बुखार Old fever
  • बालों का गिरना Hair fall
  • बुखार fever
  • यौन दुर्बलता Sexual debilitation
  • रक्त विकार blood disorder
  • रक्तस्राव Bleeding
  • लीवर के रोग Lever disease
  • वायरल संक्रमण Viral infection
  • विटामिन सी की कमी Vitamin C deficiency
  • विषमज्वर dengue, chikungunya, viral fever
  • श्वसन समस्या Respiratory problem
  • सूजन वाले रोग inflammatory diseases
  • स्वास्थ्य को सही बनाए रखना Maintaining health right

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Giloy Amla Juice

  • इसे खाली पेट लें।
  • इसे लेने की मात्रा 15-30 ml है।
  • इसे पानी के साथ मिलाकर दिन में २-३ बार ले सकते हैं।
  • स्वादिष्टता बढ़ाने के लिए थोड़ा नींबू का रस और शहद मिला सकते हैं।

गिलोय आंवला रस के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • गिलोय लेने का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हैं क्योंकि यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित हर्बल है।
  • कुछ मामलों में – गिलोय और आंवले का उपयोग निम्न रक्त शर्करा के स्तर का कारण हो सकता है। इसलिए यदि आप मधुमेह और दीर्घकालिक आधार पर गिलोय और आंवले का उपभोग कर रहे हैं, तो नियमित रूप से आपके रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करें।

गिलोय आंवला रस के साइड-इफेक्ट्स Side effects

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

गिलोय आंवला रस को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

पतंजलि आंवला स्वरस Amla Juice Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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पतंजलि आंवला स्वरस Amla Juice in Hindi पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित है। इसमें आंवले का जूस या रस है। यह एक हेल्थ सप्लीमेंट की तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे किसी रोग में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, बुखार, क्रोनिक बीमारियों आदि में ले सकते हैं। इसे ऐसे भी स्वास्थ्य को ठीक रखने और रोगों को नहीं होने देने के लिए दैनिक पी सकते हैं। यह आंवले का रस है और आंवला आयुर्वेद की रसायन औषधि है। रसायन औषधियों को लेने का शरीर पर आमतौर पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा जाता।

आयुर्वेद के अनुसार आंवला का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। यह रसायन कहा जाता है और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही, इसमें खनिज, पॉलीफेनोल, लोहा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल हैं। यह शरीर में जलन, सनसनी, और पित्त संबंधी पाचन संबंधी समस्याएं में फायदेमंद है। यह शरीर में गर्मी को कम करता है और नकसीर फूटना, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और पेट के अल्सर में फायदा करता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Amla Juice (Patanjali) is Herbal Ayurvedic medicine containing Amla Juice. It is indicated in immunodeficiency, hyperacidity, eye, skin diseases and delays ageing. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: पतंजलि आंवला स्वरस Amla Juice
  • निर्माता: Patanjali Divya Pharmacy
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: टॉनिक
  • मुख्य गुण: सप्त धातु पोषक, टॉनिक, कुलिंग
  • दोष इफ़ेक्ट: वात और पित्त को कम करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करें
  • मूल्य MRP: 1 bottle 500 ml @ Rs 55.00

पतंजलि आंवला स्वरस के घटक Ingredients of Amla Juice

Each 5 ml contains Amla Swaras (Emblica officinalis) India Gooseberry juice 5 ml.

पतंजलि आंवला स्वरस के लाभ/फ़ायदे   Health Benefits of Amla/ Indian Gooseberry Juice in Hindi

  • इसमें नमकीन के अलावा सभी स्वाद है। यह मुख्य रूप से खट्टा, कड़वा, कसैला है। यह सभी दोष को शांत करता है, लेकिन मुख्यतः पित्त और वात कम करता है।
  • इसमें रेचक गुण हैं और कब्ज में राहत देता है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है।
  • इसके एंटीऑक्सीडेंट का उच्च स्तर कैंसरजन्य कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
  • इसमें आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन सी हैं जो पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोगी है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स हैं, जिससे यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह कोलेजन उत्पादन उत्तेजक द्वारा त्वचा दृढ़ता पुनर्स्थापित करता है।
  • इससे पीने से शरीर में ठंडक आती है।
  • पित्त को शांत करने और ठंडा करने के गुणों कारण अम्लता में राहत देता है।
  • यह एंटीऑक्सिडेंट है।
  • यह ओज बढ़ा देता है।
  • यह गैस्ट्रिटिस, अपच, अम्लता, पेप्टिक अल्सर, सामान्य दुर्बलता, कब्ज, हाइपरकोलेस्ट्रोलाइमिया, बुखार, हेपेटाइटिस, रक्तस्राव, त्वचा की समस्याएं, मूत्र संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, आंत्र समस्याओं, छाती में संक्रमण और अस्थमा में लाभप्रद है।
  • यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को साफ रखने के द्वारा स्वस्थ आंत्र आंदोलन को सहायता करता है।
  • यह चयापचय को बढ़ाता है, और मोटापे में लाभप्रद है।
  • यह तंत्रिका स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार, एकाग्रता और स्मृति में वृद्धि करता है। यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
  • यह नेत्र स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह आंख की दृष्टि में सुधार करता है। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट आंखों के रेटिना को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं, मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं।
  • यह पाचन तंत्र में सुधार लाने में मदद करता है और संपूर्ण अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।
  • यह बालों और चमड़ी के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है।
  • यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।
  • यह रक्त में सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • यह लोहे के अवशोषण में माद करता है।
  • यह शरीर की सप्तधातु में वृद्धि करता है।
  • यह शरीर में गर्मी को कम करता है।
  • यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • यह श्वसन संबंधी विकारों, सर्दी, खाँसी, फ्लू और गले के संक्रमण को कम करने में लाभप्रद है।
  • यह सिर के दर्द, नींद नहीं आना, स्ट्रेस, और अन्य मानसिक समस्याओं में लाभप्रद है।
  • यह स्ट्रेस को कम करता है।
  • यह हड्डियों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • यह हृदय के लिए अच्छा है। यह हृदय को रक्त प्रवाह की रुकावट को रोकता है, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
  • यह अवशोषक, मूत्रवर्धक, रक्त शोधक और रसायन है।
  • यह कब्ज़, मधुमेह, जलन, पीलिया, अम्लता, विटिलिगो, रक्तपित्त,  बवासीर, कब्ज, अपच, बेस्वाद लगना, श्वसन और खांसी संबंधित समस्याओं में लाभप्रद है।
  • यह दृष्टि में सुधार करता है।
  • यह कुष्ठ रोग नियंत्रण करता है।
  • यह बुखार में लाभप्रद है।

पतंजलि आंवला स्वरस के चिकित्सीय उपयोग Uses of Amla Juice

  • इम्युनिटी की कमी Lack of immunity
  • इम्युनोमोडायलेटरी और मनश्चिकित्सीय स्थितियों Immunomodilatory and psychiatric conditions
  • एनीमिया खून की कमी Anemia loss of blood
  • एसिडिटी acidity
  • ऑस्टियोपोरोसिस Osteoporosis
  • कंडू, खुजली, त्वचा समस्याएं Kundu, Itching, Skin Problems
  • कम भूख लगना Less hungry
  • खालित्य (गंजापन) Alopecia (baldness)
  • गठिया Arthritis
  • गाउट Gout
  • चिंता anxiety
  • डायबिटीज Diabetes
  • तिमिर Timir
  • त्वचा रोग skin disease
  • नेत्र सम्बंधित सभी रोग Eye related diseases
  • पलित (असमय सफ़ेद होना) Wretched (uneven white)
  • पुराना बुखार Old fever
  • बालों का गिरना Hair fall
  • बुखार fever
  • यौन दुर्बलता Sexual debilitation
  • रक्त विकार blood disorder
  • रक्तस्राव Bleeding
  • लीवर के रोग Lever disease
  • वायरल संक्रमण Viral infection
  • विटामिन सी की कमी Vitamin C deficiency
  • विषमज्वर dengue, chikungunya, viral fever
  • श्वसन समस्या Respiratory problem
  • सूजन वाले रोग inflammatory diseases
  • स्वास्थ्य को सही बनाए रखना Maintaining health right

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Amla Juice

  • इसे लेने की मात्रा 15-20 ml है।
  • इसे पानी के साथ मिलाकर दिन में 2 बार ले सकते हैं।

पतंजलि आंवला स्वरस के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसे लेने का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हैं क्योंकि यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित हर्बल है।
  • कुछ मामलों में, आंवले का उपयोग निम्न रक्त शर्करा के स्तर का कारण हो सकता है। इसलिए यदि आप मधुमेह और दीर्घकालिक आधार पर आंवले का उपभोग कर रहे हैं, तो नियमित रूप से आपके रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करें।

पतंजलि आंवला स्वरस के साइड-इफेक्ट्स Side effects

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

पतंजलि आंवला स्वरस को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

आंवला कैंडी और आंवला चटपटा कैंडी Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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आंवला कैंडी Amla Candy in Hindi पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित है। इसमें आंवला है। यह एक हेल्थ सप्लीमेंट की तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, अपच आदि में ले सकते हैं। इसमें आंवला है जोकि आयुर्वेद की रसायन औषधि है। रसायन औषधियों को लेने का शरीर पर आमतौर पर कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा जाता।

आयुर्वेद के अनुसार आंवले का सेवन करने से शरीर का कायाकल्प हो जाता है और शरीर की धातुएं पुष्ट हो जाती हैं। यह रसायन कहा जाता है और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही, इसमें खनिज, पॉलीफेनोल, लोहा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल हैं। यह शरीर में जलन, सनसनी, और पित्त संबंधी पाचन संबंधी समस्याएं में फायदेमंद है। यह शरीर में गर्मी को कम करता है और नकसीर फूटना, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और पेट के अल्सर में फायदा करता है।

आमला कैंडी और आमला चटपटा कैंडी, दो अलग प्रोडक्ट हैं। दोनों के कम्पोज़िशन में बहुत अंतर है। आमला कैंडी में आमला और चीनी है जबकि आमला चटपटा में आंवले। चीनी के साथ साथ नामक, नौसादर और मसाले हैं। आमला कैंडी का टेस्ट मीठा और कुछ कसैला है जबकि आमला चटपटा, चटपटा या स्पाइसी है।

इस हेल्थ सप्लीमेंट के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Amla Candy and Ama Chatpta (Patanjali) are Herbal Ayurvedic product prepared from Amla. It is indicated in treatment of general weakness and indigestion. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: आंवला कैंडी Amla Candy, Amla Chatpata Candy
  • निर्माता: Patanjali Divya Pharmacy
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: health supplement

मूल्य MRP:

  • DIVYA AMLA CANDY 500 gram @ Rs 140
  • DIVYA AMLA CHATPATA CANDY 500 gram @ Rs 145

आंवला कैंडी के घटक Ingredients of Amla Candy

In Each 10 grams of Amla Candy:

  • आंवला Amla Fruit Green (Emblica officinalis Gaertn.) 5.5 gram
  • चीनी Sugar 2.5 gram
  • ग्लूकोस Glucose 2.0 gram

In 100 grams of Amla Chatpata Candy:

  • आंवला Amla Fruit Green (Emblica officinalis Gaertn.) 65.00 g
  • चीनी Sugar 15.598 g
  • काला नमक Black Salt 4.166 g
  • अमचूर Dry Mango Power 3.125 g
  • सेंधा नमक Sendha Namak 2.5 g
  • पिप्पली Choti Pippali 1.664 g
  • काली मिर्च Kali Mirch 1.664 g
  • नौसादर Nausatar 1.041 g
  • काली जीरी Kali Jeri 0.832 g
  • जीरा Cumin Powder 0.832 g
  • लौंग Clove Powder 0.832 g
  • सोंठ Ginger Powder 0.416 g
  • नींबू सत् Niboo Satt 0.416 g
  • पुदीना Mint Powder 0.416 g
  • दालचीनी Dalchini Powder 0.416 g
  • जावित्री Javitri 0.416 g
  • दालचीनी Dalchini 0.312 g
  • अजवाइन Carom Powder 0.312 g
  • हींग Hing Powder 0.250 g
  • जायफल Jaayphal 0.250 g

आंवला कैंडी के लाभ/फ़ायदे Benefits of Amla Candy

  • इसमें रेचक गुण हैं और कब्ज में राहत देता है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है।
  • इसमें आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन सी हैं जो पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोगी है।
  • इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स हैं, जिससे यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह कोलेजन उत्पादन उत्तेजक द्वारा त्वचा दृढ़ता पुनर्स्थापित करता है।
  • इससे पीने से शरीर में ठंडक आती है।
  • पित्त को शांत करने और ठंडा करने के गुणों कारण अम्लता में राहत देता है।
  • यह एंटीऑक्सिडेंट है।
  • यह ओज बढ़ा देता है।
  • आंवला गैस्ट्रिटिस, अपच, अम्लता, पेप्टिक अल्सर, सामान्य दुर्बलता, कब्ज, हाइपरकोलेस्ट्रोलाइमिया, बुखार, हेपेटाइटिस, रक्तस्राव, त्वचा की समस्याएं, मूत्र संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, आंत्र समस्याओं, छाती में संक्रमण और अस्थमा में लाभप्रद है।
  • यह पाचन तंत्र में सुधार लाने में मदद करता है और संपूर्ण अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।
  • यह बालों और चमड़ी के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है।
  • यह यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है।
  • यह रक्त में सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • यह लोहे के अवशोषण में माद करता है।
  • यह शरीर में गर्मी को कम करता है।
  • यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • यह श्वसन संबंधी विकारों, सर्दी, खाँसी, फ्लू और गले के संक्रमण को कम करने में लाभप्रद है।

आंवला कैंडी के चिकित्सीय उपयोग Uses of Amla Candy

  • इसे खाने से आपको आंवले के लाभ मिलते हैं। आप इसे हेल्थ सप्लीमेंट की तरह से खा सकते हैं। इसको खाने से कमजोरी दूर होती है। अमला कैंडी को खाने से शरीर में ठंडक आती है और रक्त पित्त की समस्या में लाभ हो सकता है।
  • आमला कैंडी चटपटा में मसाले हैं, जैसे की पिप्पली, काली मिर्च, हींग आदि। इसमें सेंधा नमक और काला नमक भी है। इसलिए यह अपच, पाचन की कमजोरी में अधिक फायदेमंद है।

इम्युनिटी की कमी Lack of immunity

  • रक्तस्राव Bleeding
  • श्वसन समस्या Respiratory problem
  • कमजोरी
  • अपच, पाचन की कमजोरी

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Amla Candy

इसे लेने की मात्रा 5 ग्राम से 10 ग्राम है। इसे लेने का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है और इसे बच्चे भी खा सकते हैं। इसे आप दिन में कभी भी खा सकते हैं।

आंवला कैंडी के साइड-इफेक्ट्स Side effects

इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है।

आंवला कैंडी को कब प्रयोग न करें Contraindications

आमला कैंडी में चीनी है इसलिए डायबिटीज में इसे नहीं खाएं।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • जार खोलने के बाद 6 महीने के अंदर सेवन कर लें।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल Sensa Forte Capsules Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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सेन्सा फोर्ट कैप्सूल Sensa Forte Capsules in Hindi एक आयुर्वेदिक दवाई है। इसमें अश्वगंधा, केवांच, विदारीकंद, शिलाजीत, मकरध्वज, जायफल आदि हैं। ये सभी द्रव्य आयुर्वेद में मुख्य रूप से यौन दुर्बलता को दूर करने और उनके यौन प्रदर्शन में सुधार के लिए दिए जाते हैं। इसमें केवांच गिरी और अश्वगंधा प्रमुख घटक है। यह दवाई पुरुषों में शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, नामर्दी, वीर्य विकार, कामेच्छा की कमी आदि में लाभप्रद है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Sensa Forte Capsules (Vilco Laboratories Pvt. Ltd.) is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of sexual problems of male and female. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: सेन्सा फोर्ट कैप्सूल Sensa Forte Capsules
  • निर्माता: Vilco Laboratories Pvt. Ltd.
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्ब और शुद्ध पारद-शुद्ध गंधक युक्त
  • मुख्य उपयोग: Diminished Libido & Arousal, Premature Ejaculation, Fatigue
  • मुख्य गुण: एंटीऑक्सीडेंट, रसायन, टॉनिक
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं
  • मूल्य MRP: 10 Capsules @ Rs 180

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल के घटक Ingredients of Sensa Forte Capsules

Each capsule of Sensa Forte contains total soluble extracts derived from:

  • मकरध्वज Makardhwaj 15 mg
  • शुद्ध शिलाजीत Suddha shilajit 50 mg
  • सुवर्ण वंग Suvarna Bang 15 mg
  • कौंच Kaucha 900 mg
  • अश्वगंधा Ashwagandha 600 mg
  • विदारीकन्द Vidarikand 250 mg
  • मुलेठी Yestimadhu 150 mg
  • गोखुरू Gokharu 150 mg
  • जायफल Jaiphal 125 mg

मकरध्वज

मकरध्वज (Makardhwaj) नपुंसकता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक इनोर्गानिक पदार्थ है तथा सल्फाइड ऑफ़ मरकरी और गोल्ड का कॉम्बिनेशन है। मकरध्वज को सोने, पारद और गंधक को एक निश्चित अनुपात में, आयुर्वेद में बताये गए तरीकों से बनाया जाता है। मकरध्वज का सेवन शरीर, दिल, और दिमाग को ताकत देता है।

केवांच

कौंच या केवांच बीज Mucuna pruriens की गिरी है। केवांच की गिरी बहुत ही प्रभावशाली हर्बल दवा है तथा इसे हजारों वर्षों से पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है। इसके सेवन से सीरम टेस्टोस्टेरोन, लुटीनाइज़िंग luteinizing हार्मोन, डोपामाइन, एड्रेनालाईन, आदि में सुधार होता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी उचित सुधार करने वाली नेचुरल दवा है। मानसिक तनाव, नसों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल आदि में इसके सेवन से बहुत लाभ होता है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

जातिफल

जायफल या जातीफल एक प्रसिद्ध मसाला है। यह मिरिस्टिका फ्रेगरेंस वृक्ष के फल में पाए जाने वाले बीज की सुखाई हुई गिरी है। यह पित्तवर्धक, रुचिकारक, दीपन, अनुलोमन है। जायफल को बाजिकारक aphrodisiac दवाओं और तेल को तिलाओं में डाला जाता है। यह पुरुषों की इनफर्टिलिटी, नपुंसकता, शीघ्रपतन premature ejaculationकी दवाओं में भी डाला जाता है। यह इरेक्शन को बढ़ाता है लेकिन स्खलन को रोकता है। यह शुक्र धातु को बढ़ाता है। यह बार-बार मूत्र आने की शिकायत को दूर करता है तथा वात-कफ को कम करता है।

गोखरू

गोखरू आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि है। इस मुख्य रूप से पेशाब रोगों और पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए प्रयोग किया जाता है। गोखरू शीतल, मूत्रशोधक, मूत्रवर्धक, वीर्यवर्धक, और शक्तिवर्धक है। यह पथरी, पुरुषों के प्रमेह, सांस की तकलीफों, शरीर में वायु दोष के कारण होने वाले रोगों, हृदयरोग और प्रजनन अंगों सम्बन्धी रोगों की उत्तम दवा है। यह वाजीकारक है और पुरुषों के यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।

गोखरू का प्रयोग यौन शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी माना गया है। यह नपुंसकता, किडनी/गुर्दे के विकारों, प्रजनन अंगों की कमजोरी-संक्रमण, आदि को दूर करता है।

कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Sensa Forte Capsules

  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, विदारीकन्द, शिलाजीत जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।
  • यह वीर्य / शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाती spematogenic है।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Sensa Forte Capsules

आयुर्वेद की मुख्य 8 शाखाएं हैं, इनमें से वाज़ीकरण यौन-क्रियायों की विद्या तथा प्रजनन Sexology and reproductive medicine चिकित्सा से सम्बंधित है। वाज़ीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियाँ और खनिजों का प्रयोग किया जाता है जो की सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही करती हैं और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किये जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, केवांच, शिलाजीत, विदारीकन्द आदि। यह द्रव्य कामोत्तेजक है, स्नायु, मांसपेशियों की दुर्बलता, को दूर करने वाले है तथा धातु वर्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा बलवर्धक हैं।

सेन्सा फोर्ट में पुरुषों के लिए Sensa Forte In males is indicated for

  • कम कामेच्छा और उत्साह Diminished Libido & Arousal,
  • शीघ्रपतन Premature Ejaculation,
  • थकान Fatigue
  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour
  • पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
  • यौन कमजोरी के लिए sexual disorders of male
  • लिबिडो कम होना Low Libido
  • वाजीकरण improving Sexual Desire
  • वीर्य दोष Semen disorders (too few sperms / oligospermia or no sperms azoospermia or defects in sperm quality)
  • शारीरिक कमजोरी, स्ट्रेस
  • शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन
  • शुक्र कीटों को बढ़ाना increasing Sperm Count
  • स्तम्भन दोष Erectile Dysfunction
  • स्वप्नदोष Nocturnal Emission (Night Fall)

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

महिलाओं में सेन्सा फोर्ट Sensa Forte In females is indicated in

  • कामेच्छा का नुकसान, Loss of Libido
  • कामेच्छा का नुकसान,
  • योनि का संकुचन Vaginismus
  • ठंडापन Frigidity
  • उदासीनता Apathy

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Sensa Forte Capsules

  • 1 कैप्सूल, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर आधे से लेकर 1 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

सेन्सा फोर्ट कैप्सूल को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई आयुर्वेदिक दवाइयां नहीं लें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

सेंसा रॉयल कैप्सूल Sensa Royal Capsule Uses, Benefits, Side Effects, Dosage, Warnings in Hindi

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सेंसा रॉयल कैप्सूल Sensa Royal in Hindi एक प्रोप्राइटरी दवा है। यह पुरुषों के लिए एक वाजीकारक दवा है जिससे धातु की कमी दूर होती है और शरीर हृष्ट पुष्ट बनता है। यह दवा 1 या 2 महीने तक इरेक्टाइल डिसफंक्शन में ली जा सकती है।

स्तंभन दोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, संभोग के दौरान शिश्न के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख सकने के कारण पैदा हुई यौन निष्क्रियता की स्थिति है। Erectile dysfunction (ED) is the inability to get or keep an erection firm enough to have sexual intercourse। It is also sometimes also referred to as impotence. कभी कभी होने वाले स्तंभन दोष से कोई समस्या नहीं होती है। परन्तु पुरुष यदि उत्तेजित है और सेक्स करने की चाह रखता है लेकिन फिर भी उसे कभी इरेक्शन नहीं हो रहा तो निश्चित ही यह एक समस्या है जो की व्यक्ति की लाइफ क्वालिटी को प्रभावित करती है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने पर व्यक्ति को इसके सही कारण को जानने का प्रयास करना चाहिए। कई बार इसके होने का कारण डायबिटीज, हृदय रोग, पेनिस पर लगी चोट, ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आदि हो सकते है। हो सकता है टेस्टोस्टेरोन की कमी हो या व्यक्ति भावनात्मक रूप से तैयार न हो। यदि सही कारणों का पता कर लिया जाए तो समस्या का समाधान करना  सरल हो जाता है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Sensa Royal (Vilco Laboratories Pvt. Ltd.) is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of erectile dysfunction. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: सेंसा रॉयल कैप्सूल Sensa Royal
  • निर्माता: Vilco Laboratories Pvt. Ltd.
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल / हर्ब और मिनरल युक्त / हर्ब और शुद्ध पारद-शुद्ध गंधक युक्त
  • मुख्य उपयोग: erectile dysfunction
  • मूल्य MRP: 10 (Units) @  Rs. 199.00

सेंसा रॉयल कैप्सूल के घटक Ingredients of Sensa Royal

Each Capsule of Sensa Royal contains:

  • मकरध्वज Makardhwaj 10 mg
  • शुद्ध शिलाजीत Suddha Shilajit 35 mg
  • सुवर्ण बंग Suvarna Bang 10 mg
  • कौंच बीज Kaucha Beej 625 mg
  • अश्वगंधा Ashwagandha 400 mg
  • विदारी कंद Vidari kand 175 mg
  • मुलेठी Yastimadhu 120 mg
  • गोखरू Gokharu 100 mg
  • जायफल Jaiphal 150 mg
  • मखाना Makhana 350 mg
  • तालमखाना Talamakhana 350 mg
  • सफ़ेद मुस्ली Safed Musli 105 mg
  • शलमाली Shalmali 150 mg
  • Excipients q.s.

Kaucha Beej 625 mg

कौंच या केवांच बीज Mucuna pruriens की गिरी है। केवांच की गिरी बहुत ही प्रभावशाली हर्बल दवा है तथा इसे हजारों वर्षों से पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। यह हाइपोथेलेमस पर काम करता है। इसके सेवन से सीरम टेस्टोस्टेरोन, लुटीनाइज़िंग luteinizing हार्मोन, डोपामाइन, एड्रेनालाईन, आदि में सुधार होता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में भी उचित सुधार करने वाली नेचुरल दवा है। मानसिक तनाव, नसों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के कम लेवल आदि में इसके सेवन से बहुत लाभ होता है।

Ashwagandha 400 mg

अश्वगंधा जड़ में कई एल्कलॉइड होते हैं जैसे की, विथानिन, विथानानाइन, सोमनाइन, सोम्निफ़ेरिन आदि। जड़ में फ्री अमीनो एसिड में जैसे की एस्पार्टिक अम्ल, ग्लाइसिन, टाइरोसीन शामिल एलनाइन, प्रोलाइन, ट्रीप्टोफन ,ग्लूटामिक एसिड और सीस्टीन aspartic acid, glycine, tyrosine, alanine, proline, tryptophan, glutamic acid and cysteine आदि भी पाए जाते हैं। विथानिन में शामक और नींद दिलाने वाला गुण है sedative and hypnotic। विथफेरिन एक अर्बुदरोधी antitumor, एंटीऑर्थरिटिक anti-arthritic और जीवाणुरोधी antibacterial है। अश्वगंधा स्वाद में कसैला-कड़वा और मीठा होता है। तासीर में यह गर्म hot in potency है। इसका सेवन वात और कफ को कम करता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में सेवन शरीर में पित्त और आम को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से मांसपेशियों muscles, वसा, अस्थि, मज्जा/नसों, प्रजनन अंगों reproductive organ, लेकिन पूरे शरीर पर काम करता है। यह मेधावर्धक, धातुवर्धक, स्मृतिवर्धक, और कामोद्दीपक है। यह बुढ़ापे को दूर करने वाली औषधि है।

अश्वगंधा (Withania somnifera) की जड़ें को इंडियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन अंगों पर विशेष प्रभाव डालती है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद करती है। अश्वगंधा आयुर्वेद में टॉनिक, कामोद्दीपक, वजन बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए increases weight and improves immunity प्रयोग की जाती है। अश्वगंधा तंत्रिका कमजोरी, बेहोशी, चक्कर और अनिद्रा nervous weakness, fainting, giddiness and insomnia तथा अन्य मानसिक विकारों की भी अच्छी दवा है।

Makardhwaj 10 mg

मकरध्वज (Makardhwaj) नपुंसकता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, इरेक्टाइल डिसफंक्शन और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक इनोर्गानिक पदार्थ है तथा सल्फाइड ऑफ़ मरकरी और गोल्ड का कॉम्बिनेशन है। मकरध्वज को सोने, पारद और गंधक को एक निश्चित अनुपात में, आयुर्वेद में बताये गए तरीकों से बनाया जाता है। मकरध्वज का सेवन शरीर, दिल, और दिमाग को ताकत देता है।

Safed Musli 105 mg

मुसली को हर्बल वियाग्रा के रूप में जाना जाता है। यह पुरुष प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करती है। मुसली की जड़ों को पुरुषों की यौन कमजोरी दूर करने के लिए पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए एक पोषक टॉनिक के रूप में कार्य करती है। मुसली का सेवन शरीर और मन को फिर से दुर्बलता को दूर करता है। इसके सेवन से कामेच्छा, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है और सामान्य दुर्बलता का इलाज होता है। यह एक शक्तिशाली पुरुष और महिला यौन उत्तेजक के रूप में काम करता है। यह रक्त और वीर्य वर्धक है।

कर्म Principle Action

  • बाजीकरण: द्रव्य जो रति शक्ति में वृद्धि करे।
  • शुक्रकर: द्रव्य जो शुक्र का पोषण करे।
  • वृष्य: द्रव्य जो बलकारक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक हो।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।

सेंसा रॉयल कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Sensa Royal

  • यह एक सेक्सुअल टॉनिक है।
  • इसमें केवांच, अश्वगंधा, विदारीकन्द, शिलाजीत जैसे द्रव्य हैं जो की पुरुषों के विशेष रूप से उपयोगी माने गए हैं।
  • यह दवाई प्रजनन अंगों के सही प्रकार से काम करने में सहयोग करती है।
  • यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि को दूर करती है।
  • यह इम्पोटेंस में फायदेमंद है।
  • इसका सेवन शरीर में ताकत, उर्जा देता है।
  • यह यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक है।
  • यह नसों को ताकत देती है।
  • यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता में लाभप्रद है।
  • यह वीर्य / शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाती spematogenic है।

सेंसा रॉयल कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Sensa Royal

आयुर्वेद की मुख्य 8 शाखाएं हैं, इनमें से वाज़ीकरण यौन-क्रियायों की विद्या तथा प्रजनन Sexology and reproductive medicine चिकित्सा से सम्बंधित है। वाज़ीकरण के लिए उत्तम वाजीकारक वनस्पतियाँ और खनिजों का प्रयोग किया जाता है जो की सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही करती हैं और जननांगों पर विशेष प्रभाव डालती है। आयुर्वेद में प्रयोग किये जाने वाले उत्तम वाजीकरण द्रव्यों में शामिल है, मूसली, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, केवांच, शिलाजीत, विदारीकन्द आदि। यह द्रव्य कामोत्तेजक है, स्नायु, मांसपेशियों की दुर्बलता, को दूर करने वाले है तथा धातु वर्धक, वीर्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा बलवर्धक हैं।

  • कम एनर्जी, कम कामेच्छा Low energy, vigour
  • पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
  • यौन कमजोरी के लिए sexual disorders of male
  • लिबिडो कम होना Low Libido
  • वाजीकरण improving Sexual Desire
  • वीर्य दोष Semen disorders (too few sperms / oligospermia or no sperms azoospermia or defects in sperm quality)
  • शारीरिक कमजोरी, स्ट्रेस
  • शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन
  • शुक्र कीटों को बढ़ाना increasing Sperm Count
  • स्तम्भन दोष Erectile Dysfunction
  • स्वप्नदोष Nocturnal Emission (Night Fall)

शीघ्रपतन या प्रीमेच्योर एजाकुलेशन वह स्थिति है जिसमें योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्तंभनदोष या नपुंसकता या इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वह स्थिति है जब संभोग के दौरान शिश्न में तनाव / उत्तेजना नहीं आती अथवा यह उत्तेजना बनी नहीं रहती जिससे यौन निष्क्रियता हो जाती है।

नपुंसकता या नामर्दी में पुरुष सेक्स करने में असफल रहता है। यह स्थिति मानसिक भी हो सकती और शारीरिक भी। शारीरिक नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं जैसे की ब्लड सप्लाई की कमी, नर्व्स की गड़बड़ी से या हॉर्मोनल असंतुलन आदि तथा इसमें व्यक्ति के अंग में किसी स्थिति में उत्तेजना नहीं आती। मानसिक नपुंसकता चिंता, भय, स्ट्रेस, एंग्जायटी, आदि के कारण हो सकती है। इसमें मास्टरबेशन के दौरान पेनिस में उत्तेजना आती है जबकि सेक्स के दौरान नहीं।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Sensa Royal

  • 1 कैप्सूल, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे दूध, पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सेंसा रॉयल कैप्सूल के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 से 2 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में पारद, गंधक, खनिज आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।

सेंसा रॉयल कैप्सूल के साइड-इफेक्ट्स Side effects

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इससे कुछ लोगों में पेट में जलन हो सकती है।

सेंसा रॉयल कैप्सूल को कब प्रयोग न करें Contraindications

यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
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