महावत विध्वंसन रस एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवाई है जिसे गंभीर और कठिनाई से ठीक होने वाले वात विकारों जैसे कि असामान्य तंत्रिकादर्द, मिर्गी, पक्षाघात, गठिया, रूमेटोइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, आदि में दिया जाता है।
यह बहुत ज़रूरी हैं कि आप इसे केवल और केवल डॉक्टर की सलाह पर लें। यह कोई साधारण दवा नहीं है बल्कि शुद्ध पारे और गंधक का भस्मों, और एकोनाइट के साथ संयोजन है। यह आयुर्वेदिक दवा है लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और विशेष रूप से तब जब इसे ज्यादा डोज़ में ले लिया जाए या लम्बे समय तक लिया जाए।
अगर इस दवा को खुराक की डोज़ से ज्यादा में लेते हैं तो इससे हृदय पर बहुत बुआ असर पड़ता है। रक्तचाप गिर सकता है और पल्स धीमी हो जाती है। साथ ही बेहोशी, चक्कर आना, उलटी आदि भी हो सकते हैं। इसलिए आपको यह समझना बहुत आवश्यक है कि इस दवा को स्वयं से नहीं लें। अगर डॉक्टर ने यह दवा लेने की राय दी है तो अपने से दवा की डोज़ नहीं बढ़ाये और यदि कोई साइड इफ़ेक्ट लग रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
महावात विध्वंसन रस के संकेत
महावात विध्वंसन रस को विभिन्न वात विकारों के प्रबंधनमें दिया जाता है। यह आयुर्वेदिक दवा टैबलेट रूप में उपलब्ध है। इसे पेट दर्द, तंत्रिका दर्द, मिर्गी, पक्षाघात, जोड़ों के दर्द आदि में देते है। यह दिमाग पर भी असर डालती है और इससे अनिद्रा, चिंता, खाने की इच्छा की कमी, बेचैनी,तनाव, अवसाद, मानसिक थकान व स्मृति, बुद्धि, में वात की अधिकता से आये विकार दूर होते हैं। मिर्गी और मानसिक समस्याओं के प्रबंधन में भी यह दवा मदद करती है।
- अपस्मर (मिर्गी)
- अर्श (बवासीर)
- कोलिक दर्द
- गठिया
- जोड़ों का दर्द
- जोड़ों की सूजन
- नसों का दर्द
- पक्षाघात
- पुराना ऑस्टियोआर्थराइटिस
- प्लाहा रोगा (स्प्लेनिक बीमारी)
- मांसपेशियों में दर्द
- मिरगी
- वात दोष के कारण रोग
- संधिशोथ
- हड्डियों में दर्द
महावात विध्वंसन रस की डोज़
महावात विध्वंसन रस को लेने की डोज़ 65 मिलीग्राम से 125 मिलीग्राम या ½ – 1 रत्ती दिन में एक या दो बार होती है जोकि उम्र, पाचन, ताकत और रोग की स्थिति पर निर्भर है। इसे कभी भी अधिक मात्रा में या लम्बे समय तक नहीं लिया जाना चाहिए। दवा लेते समय यदि कोई भी साइड इफ़ेक्ट लगे तो दवा बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करे।
अनुपान
- अदरक का रस
- भृंगराज रस (एक्लीप्टा अल्बा रस)
- अरंड तेल (कास्टर ऑयल)
- घृत (घी)
- मधु (शहद)
उपचार की अवधि
एक महीने तक।
चेतावनी
- महावात विध्वंसन रस को स्वय से लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
- महावातविध्वंसन रस को डॉक्टर की सलाह के अनुसार सटीक खुराक समय की सीमित अवधि के लिए लें।
महावात विध्वंसन रस के साइड इफेक्ट्स
- बड़ी खुराक के मामले में निम्नलिखित दुष्प्रभाव संभव हैं:
- ब्लैक आउट
- सिर के पीछे दर्द
- शीत हाथ और पैर
- जीभ भारी होना
- अनियमित धड़कन
- कम रक्तचाप और नाड़ी की दर
- जी मिचलाना
- मुंह के चारों ओर सुन्नता
- मूत्र का प्रतिधारण
- पसीना
- चक्कर आना
- ये एकोनाइट की अधिक मात्रा के कारण एकोनाइट विषाक्तता के लक्षण हैं। तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
महावात विध्वंस रस का कम्पोजीशन
- पारद शुद्ध 12 ग्राम
- गंधक शुद्ध 12 ग्राम
- नाग भस्म 12 ग्राम
- वंग भस्म 12 ग्राम
- लोहा भस्म 12 ग्राम
- ताम्र भस्म 12 ग्राम
- अभ्रक भस्म 12 ग्राम
- पिपली 12 ग्राम
- शुद्ध टंकण 12 ग्राम
- मारिचा 12 ग्राम
- शुंठी 12 ग्राम
- वत्सनाभ 48 ग्राम
भावना द्रव्य (क्यू एस)
- त्रिकटू क्वाथ भावना 3 बार
- त्रिफला क्वाथ भावना 3 बार
- चित्रक मुला क्वाथ भावना 3 बार
- भृंगराज भावना 3 बार
- कूठ भावना 3 बार
- निर्गुन्डी पत्र स्वरस भावना 3 बार
- अर्का दुग्धा भावना 3 बार
- अमलाकी भावना 3 बार
- अर्द्राक भावना 3 बार
- निंबू स्वरस भावना 3 बार
निर्माता
- Dabur Mahavat Vidhwansan Ras
- Baidyanath Mahavat Vidhwansan Ras
- Paramanand Ayurveda Mahavat vidhwansan Ras
- Patanjali Divya Mahavat Vidhwansan Ras
The post महावात विध्वंसन रस का उपयोग appeared first on Hindi स्वास्थ्य ब्लॉग.